Sachin Pilot News: राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को कांग्रेस पार्टी ने छत्तीसगढ़ का प्रभारी बनाया है। पार्टी के इस फैसले के बाद सियासी गलियारों में हलचल का दौर जारी है। माना जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी ने यह फैसला सचिन पायलट और अशोक गहलोत की गुटबाजी को खत्म करने के लिए यह फैसला किया है। इसी बीच यह भी कयास लगाए जा रहे है कि कांग्रेस पार्टी को आगामी लोकसभा चुनावों में इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
दो चुनावों से लोकसभा चुनाव में जीरो है कांग्रेस
राजस्थान में साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को करारी हार मिली थी। दोनों ही बार कांग्रेस को 25 में से जीरो सीट मिली। 2019 में तो प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद लोकसभा चुनाव में फायदा नहीं हुआ। ऐसे में Sachin Pilot को राजस्थान से दूर रखना कांग्रेस के लिए नुकसान का फैसला साबित हो सकता है। यह इसलिए भी कह सकते है कि क्योंकि सचिन पायलट की युवाओं में तगड़ी लोकप्रियता है और वह बड़े चेहरे हैं।
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गुर्जर समाज और युवाओं की नाराजगी पड़ेगी भारी
दरअसल, विधानसभा चुनाव 2023 में राजस्थान में करारी हार से कांग्रेस पार्टी को बड़ा झटका लगा है। इस हार के बाद सचिन पायलट को नेता प्रतिपक्ष और पीसीसी चीफ बनाने की चर्चाएं जोरों पर थी। लेकिन उन्हें पार्टी ने छत्तीसगढ़ का प्रभारी बनाकर सभी को चौंका दिया है। पार्टी के इस फैसले से न सिर्फ युवाओं में बल्कि गुर्जर समाज में भी नाराजगी है। पायलट गुर्जर समाज से आते है और टोंक-दौसा क्षेत्र में इस समाज की अच्छी-खासी पकड़ मानी जाती है।
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पायलट को राजस्थान से किया जा रहा दूर!
पायलट को छत्तीसगढ़ का प्रभारी बनाने से गुर्जर समाज में संदेश जा रहा है कि पायलट को राजस्थान से दूर किया जा रहा है। बड़ा सवाल है कि क्या कांग्रेस लोकसभा चुनाव में गुर्जर समाज को साधने में सफल होगी या नहीं? पायलट की वजह से विधानसभा चुनावों में गुर्जर समाज कांग्रेस के साथ रहा है।