जयपुर। लाल डायरी के राजदार बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा की परेशानी बढ़ने वाली हैं। राजेंद्र गुढ़ा अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलकर बैठे हैं। राजेंद्र गुढा का नाम अस्पताल की जमीन पर कब्जा करने के मामले में सामने आया हैं। इस मामले में पुलिस पहले ही राजेंद्र गुढ़ा के पीए दीपेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर चुकीं हैं। इसके साथ ही पुलिस ने कार्रवाई के दौरान दीपेंद्र सिंह के साले अभय सिंह को भी गिरफ्तार किया था।
अब इस मामले में एक नया मोड़ आ चुका हैं। पुलिस ने गोविंदगढ़ इलाके में अस्पताल पर कब्जे के मामले में राजेंद्र गुढ़ा का नाम भी शामिल किया हैं। ऐसे में राजेंद्र गुढ़ा की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। मामले की जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया की गोविंदगढ़ के बलेखन गांव में डॉ बनवारीलाल मील का एक अस्पताल हैं। बनवारीलाल अफ्रीका में रहते हैं। जिसकी पावर ऑफ एटॉर्नी निर्मल कुमार के नाम पर हैं। निर्मल ने बनवारीलाल को बीना बताए जमीन बिल्डर सत्यनारायण गुप्ता के नाम कर दी और उसके बाद यह लीज अभय सिंह के नाम पर कर दी गई।
पूछताछ के दौरान अभय सिंह और लोकेंद्र ने पुलिस को बताया की जमीन पर कब्जा करने के लिए तत्कालीन मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने भेजा था। जिसके बाद गिरफ्तारी का सिलसिला शुरू हुआ। इस मामले में राजेंद्र गुढ़ा का नाम भी सामने आ रहा हैं। इस मामले को सीआईडी क्राइम ब्रांच को सौंपा गया हैं। बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा का नाम झुंझुनूं के गुढ़ागौड़जी थाने की हिस्ट्रीशीटर्स की लिस्ट में भी शामिल हैं। वहीं उदयपुरवाटी नगर पालिका के चेयरमैन रामनिवास सैनी को सरकार ने निलंबित कर दिया हैं। रामनिवास गुढ़ा समर्थक हैं। और रामनिवास पर लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जा रहे थे जिसके बाद सरकार की और से रामनिवास सैनी को निलंबित किया गया हैं।