Sanganeri Print: जयपुर का सांगानेर क्षेत्र मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की वजह से इन दिनों चर्चा में बना रहता है। जयपुर का पारंपरिक सांगानेर इलाका अपने विशिष्ट सांगानेरी प्रिंट के लिए भी जाना जाता है। हाल ही में सांगानेर रेलवे स्टेशन को अमृत भारत स्टेशन योजना में जोड़ा गया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सांगानेर से विधायक है, ऐसे में अपने क्षेत्र के विकास के लिए कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं। बता दे कि सांगानेरी प्रिंट उद्योग काफी समय से बदहाली का शिकार हो रहा है। ऐसे में राजस्थान के बजट 2024 में भजनलाल सरकार ने सांगानेरी प्रिंट उद्योग (Sanganeri Print) के लिए भी विशेष प्रावधान रखा है।
यह भी पढ़ें:Rajasthan Budget 2024 से होगा सांगानेर रेलवे स्टेशन का उद्धार, ‘भजनलाल सरकार’ का बड़ा दाव
500 साल पुराना सांगानेरी प्रिंट
गुलाबी नगरी जयपुर की पहचान के रूप में प्रसिद्ध सांगानेरी प्रिंट (Sanganeri Print) का इतिहास 500 साल से भी पुराना है। ईस्ट इंडिया कंपनी के दौर में आमेर के राजपरिवार ने इस अद्भुत कला की शुरुआत की थी। सांगानेरी प्रिंट में प्राकृतिक रंगों और जड़ी बूटियों का समावेश करके कपड़ों पर बेल-बूटों की कलात्मक छपाई की जाती है। इस उद्योग से करीब तीन लाख लोग प्रत्यक्ष तौर पर तथा लाखों लोग अप्रत्यक्ष तौर पर जुड़े हुए हैं। जयपुर में 900 से अधिक सांगानेरी प्रिंट की औद्योगिक इकाइयां लगी हुई हैं। 2023 में सांगानेरी प्रिंट ने 250 करोड़ के निर्यात साथ ही कुल 2000 करोड़ का कारोबार किया।
यह भी पढ़ें:Rajasthan Budget 2024 के बाद जगमग करेगा ‘सांगानेर रेलवे स्टेशन’, देखें Viral Look
सांगानेरी प्रिंट के सामने चुनौती
पिछले कुछ सालों से सांगानेरी प्रिंट (Sanganeri Print) उद्यम आधुनिक युग में अपना अस्तित्व बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है। कोरोना काल में पूंजी की कमी और आधुनिक मशीनरी के अभाव जैसी कई समस्याओं ने इस उद्योग को प्रभावित किया है। सांगानेरी प्रिंट उद्यमियों की सबसे मुख्य समस्या ये है कि उन्हें सरकारी की तरफ से मिलने वाली मदद और ऋण योजनाओं की जानकारी ही नहीं है।
MSME की मदद से सांगानेरी प्रिंट फलेगा
कहने को सांगानेरी प्रिंट (Sanganeri Print) भले ही एमएसएमई के दायरे में आता है, लेकिन ज्यादातर उद्यमियों को तो यह तक पता नहीं है कि एमएसएमई होता क्या है। अगर सही समय पर इन कारोबारियों को एमएसएमई द्वारा आर्थिक मदद मिल जाए तो ये इस बरसों पुरानी कला को और भी नए आयाम दे सकते हैं। वैसे भजनलाल सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि इस तरह के परंपरागत उद्मियों तक सरकारी योजनाओं का लाभ अतिशीघ्र पहुंच सके ताकि ना केवल पूरी दुनिया में जयपुर की शान कहे जाने वाले इस उद्योग का अस्तित्व बचाया जा सके, बल्कि इसे नई ऊंचाइयों तक भी पहुंचाया जा सके।