जयपुर। जयपुर के एक स्कूल में हाल ही में हवामहल विधायक बालमुकुंदाचार्य (Balmukund Acharya) को लेकर हुए बवाल को लेकर चर्चाएं जारी हैं। इसी के तहत अब बालमुंदाचार्य के समर्थन में ‘संस्कृति बचाओ अभियान’ (Sanskriti Bachao Abhiyan) उतर चुका है। संस्कृति बचाओ अभियान के मुख्य संयोजक अनुभव राज शर्मा ने अपनी ओर से प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि “हवा महल विधानसभा क्षेत्र के विधायक बालमुकुंदाचार्य जी द्वारा क्षेत्र के एक बालिका विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान वहाँ उपस्थित छात्राओं के हिजाब एवं बुरखा पहनकर विधालय में आने के संबंध में विधालय की प्रधानाध्यापिका एवं अन्य शिक्षिकाओं से प्रश्न करने के मामले को अन्यथा ही राजनीतिक जामा पहना कर अवसर भुनाने का प्रयास किया जा रहा है।
यह भी पढ़ें : Shahid Diwas: राजस्थान सचिवालय में महात्मा गांधी को दी गई श्रद्धांजलि, 2 मिनट मौन समेत आयोजित हुए ये कार्यक्रम
शर्मा ने कहा कि यह एक सामान्य सी व्यवहारिक बात है कि विधालय हो, हास्पिटल हो, कचहरी हो, पुलिस प्रशासन हो, सेना हो जहाँ भी एकरूपता दर्शाने के लिए अथवा अनुशासन बनाये रखने के लिए एक विशेष परिधान/गणवेश का समायोजन किया जाता है, वहाँ नियमों की अनदेखी कर भिन्नता उत्पन्न करना अथवा वर्गविशेष का अपने आप को अन्य की अपेक्षा इतर दिखाना, क्या समाज को सही संदेश देता है? एक जनप्रतिनिधि का अपनी क्षेत्राधिकार की सीमाओं में यह प्रश्न सामान्य भाव से पूछना कैसे अप्रासंगिक कहलाया जा सकता है?
यदि हर सार्वजनिक महत्व के स्थान पर इसी प्रकार धार्मिक आधार पर विभेद किया जाये अथवा नियम विरुद्ध व्यवहार को धार्मिक स्वतंत्रता का हवाला देकर उचित ठहराने का प्रयत्न किया जाये तो फिर क्या खेलों में सभी खिलाड़ियों को एक जैसी गणवेश पहनने में आपत्ति जतानी चाहिए? अथवा क्यों ना पुलिस व सशस्त्र बलों के जवानों को अपनी गौरवमयी पारम्परिक एवं सुविधाओं से युक्त वर्दी त्याग कर अपने धार्मिक लिबास को सेवा का अंग बना लेना चाहिए? हमारे भारत वर्ष के अदभुत एवं अनुकरणीय संविधान में भी रचनाकारों द्वारा संप्रभुता, अखण्डता, एकता जैसी नैतिकता के उच्चतम आदर्शों से सुसज्जित शब्दावली का प्रयोग किया है, जिसमें से भी सर्वोपरि स्थान राष्ट्रीयता को दिया गया है। तो क्या ऐसे सामान्य विषयों को अन्यथा ही तूल देना, क्या आने वाली पीढ़ी के साथ वैश्वासिक व व्यवहारिक रुप से छल करने के समान न होगा।
यह भी पढ़ें : MLA Balmukund Acharya हिजाब के लिए लड़ेंगे आर-पार लड़ाई, लहंगा-चुन्नी की हुई एंट्री
‘संस्कृति बचाओ अभियान’ इस पूरे मामले से अवगत होने एवं सभी पहलुओं पर विचार कर इसी निष्कर्ष पर पहुँचा है कि विधायक द्वारा अपनी क्षेत्राधिकारिता के एक विधालय भवन में उपस्थित छात्राओं में परस्पर पहनावे की असमानता एवं भिन्नता देखते हुए आश्चर्य प्रकट कर विधालय प्रबंधन से उक्त विषय पर जानकारी चाही, जोकि एक जनप्रतिनिधि एवं क्षेत्र की जनता के संरक्षक के रुप में विधायक की भूमिका से संगत मेल करता है। विधालय शिक्षा एवं संस्कारों के केन्द्र है, जहाँ हर मत मतान्तर एवं धर्म के विधार्थी एक साथ एक समान भाव से अपने भविष्य को एक एक सोपान चढकर तय करते हैं, इन्हें राजनीतिक स्वार्थ पूर्ति, वैमनस्य एवं सामाजिक ढांचे को शक्तिहीन बनाने का अखाड़ा नहीं बनाया जाना चाहिए। “
Jaipur News : जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (CM Bhajanlal Sharma) के निर्देश पर…
Madan Rathore News : जयपुर। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ (Madan Rathore) आज (गुरूवार) श्रीगंगानगर…
जयपुर। Sas Ki Sas Banungi Main : राजस्थान की राजधानी जयपुर अपनी कई खूबियों की…
Kirodi Meena News : राजस्थान में जहां एक ओर उपचुनावों के नतीजे आने वाले हैं।…
Hanuman Beniwal News : जयपुर। राजस्थान में 7 विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को वोटिंग…
Hanuman Beniwal News : जयपुर। राजस्थान में 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे है,…