Sanwaliya seth ka khajana: सेठों के सेठ साँवलिया सेठ इस बार सोने के बिस्किट का नाश्ता करने वाले हैं। राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के सुविख्यात कृष्ण धाम सांवलिया का खजाना एक बार फिर खुल गया है। यहां सांवलिया जी के चढ़ने वाले चढ़ावे की गिनती अमावस्या के एक दिन पूर्व शुरू होती है। इस बार भंडारे में अभी तक करीब 17 करोड़ से अधिक की राशि निकल चुकी है। इसके बाद भी काफी गिनती बाकी है।
कब होती है गिनती
मंडफिया स्थित sanwaliya seth temple में प्रति माह अमावस्या के एक दिन पूर्व दान पात्र खोले जाते हैं। यहां काफी बड़े स्तर पर मंदिर मंडल के कार्मिक इसकी गिनती करते हैं। जो पूरी पारदर्शिता के साथ की जाती है। यहां हर माह खजाना इतना होता है कि करीबन चार से पांच दिन तक यह गणना जारी रहती है। इस बार भी अमावस्या के एक दिन पूर्व भंडारा खुल गया है। यह गणना शुरू होकर चार चरणों में पूरी हुई। जिसमें अभी तक 17 करोड़ से अधिक राशि निकली है। यही नहीं सोने चांदी के अन्य आभूषण भी दानपात्र में चढ़ावे के रूप में आए हैं।
सोने के बिस्किट बने चर्चा का कारण
इस बार Sanwaliya seth ka khajana में निकले बिस्किट चर्चा का कारण बन गए हैं। यहां एक भक्त ने साँवलिया सेठ को 15 सोने के बिस्किट चढ़ाये हैं। जो सभी के बीच चर्चा का विषय बन रहे हैं। भेंट कक्ष में नकद के साथ सोने चांदी के आभूषणों की की गणना अभी बाकी है। भक्त यहां सावरा सेठ को अपनी मन्नत पूरी होने पर चढ़ावा चढ़ाते हैं।
मान्यता है खास
कहा जाता है religious places यहां व्यापारी साँवलिया सेठ को अपना बिजनेस पार्टनर मानते हैं। माना जाता है मीरा बाई इन्हीं मुरलीधर की पूजा भी करती थी। मेरे तो गिरधर गोपाल, दूसरौ न कोई.. भजन भी चित्तौड़गढ़ जिले के भादसोड़ा ग्राम से ही जुड़ा हुआ है।
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