उदयपुर- सेकेंड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में एडीजे कोर्ट-1 ने भूपेंद्र सारण की जमानत अर्जी पर फैसला सुनाते हुए जमानत अर्जी को खारीज कर दिया है। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहां है पेपरलीक से देश की उन्नती का सपना टूटता है, स्टूडेंट के साथ ही पेपर लीक जैसी घटनाओं से परिवार के सपनों पर भी गहरा आघात पहुंचता है। कोर्ट ने कहां सुरक्षित तथा सशक्त राष्ट्र का निर्माण करने का सपना ऐसे लोगों की वजह से टूटता है।
अपर लोक अभियोजक मुस्तकिल खान ने जताया विरोध
इस पुरे मामले में भूपेन्द्र सारण द्वारा जमानत याचिका दायर की गई थी हालांकि भूपेंद्र सारण जेल में है। भूपेन्द्र सारण की जमानत याचिका का अपर लोक अभियोजक मुस्तकिल खान ने विरोध किया है। दलील पेश करते हुएं मुस्तकिल खान ने कहां आरोपी ने लाखों बेरोजगार युवाओं के जीवन के साथ खिलवाड़ किया है। आरापी के खिलाफ 7 प्रकरण दर्ज है, जिसमें छल, धोखाधड़ी और सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम से जुड़े मामले है। लोक अभियोजक मुस्तकिल खान की दलील सुनने के बाद पीठासीन अधिकारी संदीप कौर ने जमानत अर्जी को खारीज कर दिया।
भुपेंद्र सारण का नाम साल 2011 में जीएनएम भर्ती परीक्षा पेपर आउट प्रकरण से भी जुडा था उसके बाद 2012 में पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती पेपर लीक मामले मे भी भुपेंद्र सारण का नाम सामने आया। भुपेंद्र सारण पुर्व में भी जेल जा चुका है।
23 फरवरी को एटीएस- एसओजी ने कार्रवाई करते हुए बेंगलुरू से भूपेन्द्र सारण को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद पुलिस ने आरापी से पुठताछ की इस पुरे मामले में भूपेंद्र सारण ने पुलिस रिमांड के दौरान चौंकाने वाला खुलासा किया था। जिसमें सारण ने खुलासा करते हुए कहां था उसने शेरसिंह मीणा से 40 लाख रूपए में पेपर लिया है। तथा 5-5 लाख रूपए में यह पेपर बेचा गया।