छोटीकाशी में एक बार फिर ढूंढाड़ी भाषा और विरासत की संस्कृति साकार होगी। अवसर होगा श्रीप्रेमभाया महोत्सव। 83 साल पहले पं युगल किशोर शास्त्री ने जिस ढूंढाड़ी भाषा और विरासत को दोहों और पदों में सहजने का कार्य किया उसे प्रेमभाया महोत्सव के अंतर्गत 83वें चार दिवसीय भक्ति संगीत समारोह में जीवंत किया जाएगा। 15 से 18 मार्च तक चांदपोल बाजार के जयलाल मुंशी का रास्ता स्थित युगल कुटीर में होने वाले महोत्सव की तैयारियां जोरों पर हैं। इस अवसर पर जयलाल मुंशी के रास्ते में भक्तों द्वारा रोशनी से सजाया गया है।
समिति के अध्यक्ष विजय किशोर शर्मा ने बताया कि 15 मार्च को 12.30 बजे श्री प्रेमभाया सरकार को शंखनाद के साथ पंचामृत अभिषेक करा नवीन पोशाक धारण कराई जाएगी। मुख्य द्वार पर नगाड़ा व शहनाई वादन होगा। समिति के मंत्री योगेश भटनागर ने बताया कि 15, 16 व 17 मार्च को रात्रि 8 बजे से संपूर्ण रात्रि भक्ति संगीत का कार्यक्रम होगा। विभिन्न भजन गायक भक्त युगल जी द्वारा रचित ढूंढाड़ी व हिंदी भाषा के भजनों से प्रस्तुति देंगे जिनमें मुख्य गायक पं. जगदीश शर्मा, बेबी आकांशा राव, बून्दु खां, भानु कुमार, गोपाल सिंह, पूजा राठौर, वृंदावन से सुरेन्द्र मंडल, उमा लहरी, परवीन मिर्जा सन्नी चक्रधारी सहित अन्य गायक प्रभु को रिझायगे।
18 मार्च को सांय 7.00 बजे से नगर संकीर्तन निकलेगा जो कि युगल कुटीर से प्रारंभ होकर जाट के कुएं का रास्ता गोपीनाथ जी का मंदिर, बारह भाइयों का चौराहा, नाहरगढ़ रोड, चांदपोल बाजार, छोटी चौपड़, त्रिपोलिया बाजार, बड़ी चौपड़, जौहरी बाजार, गोपाल जी का रास्ता, लालजी सांड का रास्ता, बोरड़ी का रास्ता, अजायघर का रास्ता, खूटेंटो का रास्ता, खेजड़ों का रास्ता व खजाने वालों के रास्ते होते हुए प्रात: 7:00 बजे युगल कुटीर पहुंचकर संपन्न होगा।