जयपुर। राजस्थान की भजन लाल सरकार (Bhajan Lal Sarkar) ने बजट 2024 (Rajasthan Budget 2024) पेश कर दिया है जिसमें किसानों को लेकर कई तरह की घोषणाएं की गई है। इनमें किसानों की आय दोगुनी करने से लेकर फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य से लेकर ब्याज मुक्त लोन देने जैसी बातें शामिल हैं। भजन लाल सरकार की ये किसान कल्याणकारी योजनाएं अब जल्द ही धरातल पर उतरने वाली हैं, जिसके बाद किसानों की पैदावार जबरदस्त होने वाली है। लेकिन इन सबसे हटके राजस्थान में एक जिला ऐसा जो सिर्फ बेचकर ही करोड़पति किसान बना रहा है। यह जिला श्रीगंगानगर है जो सर्दी के सीजन में 100 करोड़ रूपये से अधिक की गाजर (Sri Ganganagar Sadhuwali Gajar) बेच देता है।
गंगानगर के किसानों ने बेची 100 करोड़ की गाजर
आपको बता दें कि श्रीगंगानगर को गंगनहर (Gangnahar) का वरदान प्राप्त है जिस कारण सिंचाई के पानी की पर्याप्तता की वजह से वहां पर किसानों ने आर्थिक समृद्धि के नए आयाम स्थापित किए हैं। श्रीगंगानगर जिला अपनी रसीली गाजर के लिए देश भर में विख्यात हो चुका है। यहां पर गंग नहर के किनारे के लगभग 80 किलोमीटर के क्षेत्र में किसानों ने गाजर की शानदार बुवाई करके इस सीजन में 100 करोड़ रूपये अधिक का कारोबार कर आर्थिक संपन्नता हासिल की है।
पूरे भारत में सप्लाई हो रही श्रीगंगानगर की गाजर
एक अनुमान के अनुसार श्रींगानगर में 15,000 क्विंटल से अधिक गाजर का उत्पादन होता है जिस वजह से देश भर के व्यापारी यहां आकर गाजर खरीद कर पूरे भारत में बेच रहे हैं। श्रीगंगानगर की गहरी लाल रंग की गाजर अधिक लंबी और मुलायम होती है जिस वजह से श्रीगंगानगर क्षेत्र की गंग नहर के पानी से सिंचित यह गाजर पूरे भारत में सप्लाई हो रही है। श्रीगंगानगर की बलुआ दोमट मिट्टी तथा किसानों द्वारा खेतों में गहरी जुताई करके उगाई गई गाजर अन्य गाजर की तुलना में काफी लंबी व रसीली होती है।
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गंग नहर के किनारे गाजर की बंपर पैदावार
श्रीनंगानगर के किसानों ने अपने गाजर के बिजाई क्षैत्र को भी अब काफी बढ़ा लिया है। इस वजह से भारी मात्रा में गाजर आ रही है। आपको बता दें कि श्रीनंगर नगर के साधु वाली में गंग नहर के पुल के आसपास के 25 से 30 किलोमीटर के इलाके में भरपूर मात्रा में गाजर का शानदार उत्पादन हो रहा है। हालांकि, गाजर के इतने शानदार उत्पादन के बावजूद यह गाजर मंडी सरकार और स्थानीय प्रशासन की उपेक्षा झेल रही है।
नहीं बन पा रही कृषि मंडी
श्रीगंगानगर की कृषि जिंसों के लिए इस क्षेत्र में हर तरह की धान मंडी स्थापित की गई है। लेकिन, लगभग 100 करोड़ की हर सीजन में गाहर की पैदावार देने वाला ये इलाका गाजर मंडी नहीं होने की वजह से परेशान है। राजस्थान सरकार द्वारा कई बार प्रयासों के बावजूद भी यहां पर गाजर मंडी के लिए कोई जगह आवंटित नहीं की गई। इस वजह से किसान आज भी अपनी गाजर खेत से लाने के बाद गंग नहर के पटरों के किनारे मशीनों में धोने के लिए लाते हैं।
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गंगनहर में मिल रहा गंदा पानी
आपको बता दें कि गाजर धोने वाली इन मशीनों से गंग नहर से ही पानी उठाया जाता है। गाजर को धोने के बाद मिट्टी मिला पानी गंग नहर में वापस बहा दिया जाता है जिस वजह से कृषि विभाग भी अनेक बार किसानों की और अन्य लोगों की शिकायतों पर इन संयंत्र को बंद करने की कार्रवाई करता है। लेकिन किसानों के विरोध के बाद ये संयंत्र वापस शुरू होते हैं। किसानों की मांग है कि राज्य सरकार साधुवाली क्षेत्र में गंग नहर के किनारे एलएनपी नहर की पड़ी खाली जगह पर गाजर मंडी की स्थापना करे ताकि गंग नहर से ही पानी लेकर इन वॉशिंग प्लांट को वहां स्थापित किया जा सके तथा गाजर धोने के बाद वहां पानी फिल्टर होकर वापस साफ सुथरा पानी नहर में जा पाए।