Sri Ganganagr Sadhuwali Village Carrot: राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले का साधुवाली गांव देशभर में अपनी अलग पहचान बनाने में लगा हैं। गांव की पहचान यहां होने वाली ‘गाजर की पैदावार’ से है। गांव साधुवाली के खेतों में पैदा होने वाली गाजर बेहद ख़ास होती हैं। इन गाजरों की मिठास देशभर में फेमस हैं। राजस्थान-पंजाब सीमा के नजदीक बसे साधुवाली गांव के लोगों को मुख्य काम ‘खेतीबाड़ी’ है, और वह इसी पेशे से लंबे समय से जुड़े हुए हैं।
गाजरों में अलग ही मिठास
गांव साधुवाली के किसानों ने बीते कुछ सालों से परंपरागत खेती के साथ-साथ गाजर के उत्पादन में भी दिलचस्पी दिखाई हैं। देखते ही देखते गांव के अधिकतर किसान अब गाजर की खेती करने लगे हैं। आलम यह हैं कि अब गांव साधुवाली गाजर की वजह से जाना जा रहा हैं। यहां की गाजरों में अलग ही मिठास हैं।
सर्दियों में जमीन में नमी
साधुवाली के किसान गाजर की पैकिंग करके देश के अलग-अलग हिस्सों में सप्लाई करते हैं। अब तो साधुवाली को ‘गाजरवाला गांव’ भी बोला जाने लगा है। खेतीबाड़ी को समझने वाले जानकार कहते है कि ‘गांव साधुवाली के खेतों में नहर का पानी भरपूर मिलता है। सर्दियों में जमीन में नमी अधिक रहती हैं। यही वजह है कि यहां पैदा होने वाली गाजरों में ठंड की वजह से मिठास और रंग, दोनों ही अच्छे आते हैं। गाजर उत्पादन के बाद से गांव के किसान भी खुश हैं।
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सरकारी प्रोत्साहन की जरुरत
खेतीबाड़ी के जानकार कहते है कि ‘अगर किसानों को सरकारी स्तर पर और सहायता मिले तो गाजर की खेती को और अधिक बढ़ावा मिल सकता है। गांव के किसान कहते है कि गाजर उत्पादन से वे खुश है, लेकिन उन्हें राजस्थान सरकार की तरफ से कोई खास तवज्जो नहीं दी जा रही हैं।
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क्षेत्रीय विधायक क्या कहते है?
श्री गंगानगर जिले के सादुलशहर विधानसभा क्षेत्र से विधायक गुरवीर सिंह बराड़ (MLA Gurveer Singh Brar) कहते है कि “गाजर मंडी उनके दादा पूर्व मंत्री और विधायक गुरजंट सिंह का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है। अब प्रदेश में भाजपा की सरकार हैं तो गाजर मंडी को विकसित करने के पूरे प्रयास किये जाएंगे।