गंगानगर की श्रीकरणपुर विधानसभा सीट पर बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। भाजपा प्रत्याशी और नहर और अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के रुपिंदर सिंह कुन्नर ने जीत हासिल करते हुए बीजेपी को बड़ी परेशानी में डाल दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने रुपिंदर सिंह कुन्नर को जीत की बधाई दे दी है। वहीं BJP प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने हार के कारणों की समीक्षा करने की बात कही है।
टीटी विधायक बनने से पहले भजनलाल सरकार में राज्यमंत्री बनाए गए और चार अहम विभाग भी दिए गए थे। इस मामले को लेकर कांग्रेस नेताओं ने election Commission में आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद बीजेपी ने इस सीट पर जीत के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी लेकिन इसके बाद भी परिणाम उसके पक्ष में नहीं आया।
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congress candidate गुरमीतसिंह कुन्नर के निधन के बाद इस सीट पर 25 नवंबर को चुनाव नहीं हुआ था। कांग्रेस ने यहां कुन्नर के बेटे को चुनावी मैदान में उतारा था।
स हार के बाद सवाल खड़े हो रहे है कि बिना विधायक रहे किसी भी नेता के पास 6 महीने तक मंत्री पद रह सकता है। लेकिन इसके बाद उसे Assembly का सदस्य बनना जरूरी हो जाता है लेकिन टीटी को विधानसभा चुनावों में हार मिली है तो अब उनका मंत्री पद भी चला जाएगा। लेकिन अभी भी उनके पास मंत्री पद पर बने रहने का मौका है क्योंकि 6 महीने होने से पहले किसी सीट पर अगर by-election होते है और वह वहां से जीत जाते है तो उनका मंत्री पद बरकरार रहेगा। इस बात की उम्मीद कम है क्योंकि बीजेपी उपचुनाव नहीं करवाना चाहती है क्योंकि Lok Sabha elections में इसका असर गलत जाएगा ऐसे में टीटी मंत्री पद से इस्तीफा देंगे।
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बीजेपी ने अपनी हार को स्वीकार कर लिया है और अब टीटी अपना इस्तीफा दे सकते हैं। लेकिन राजनीति के जानकारों की माने तो बीजेपी मंत्री का इस्तीफा नहीं लेकर उपचुनाव तक जा सकती है। क्योंकि टीटी को मंत्री बनाने के पीछे बड़ी वजह रही होगी और अब उनकी हार के बाद मंत्री पद जाना उसके लिए बड़ा नुकसादयक साबित हो सकता है। Congress इस बात को लेकर पहले ही बीजेपी पर आरोप लगा चुकी है। उपचुनाव कराने से बीजेपी को बड़ा फायदा नहीं होगा क्योंकि उसके पास पूर्ण बहुमत है और ऐसे में वह ऐसा कदम नहीं उठाएंगी। उपचुनाव में जीतकर कई बड़े नेता मंत्री और सीएम बने है लेकिन टीटी के मामले में ऐसा नहीं होगा।
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