- बढ़ती आत्महत्या चिंता का विषय
- सरकार ने बनाई कमेटी
जयपुर। कोटा में बढ़ती आत्महत्याएं बताती है कैसे सुनहरे भविष्य की दौड़ में जिंदगियां दम तोड़ रही है। कोटा शहर हमेशा से सुर्खियों में रहा है। इस शहर ने कई लोगों के हसीन सपनों को पंख लगाए तो कई जिंदगीयों के हसीन सपनों ने दम तोड़ दिए। कोटा में बढ़ते सुसाइड के मामलों पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चिंता जाहिर की है। सीएम गहलोत ने इस मामले में रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए है। इसके लिए एक कमेटी का गठन भी किया गया है। इस कमेटी को 15 दिनों मे रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए गए है।
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जिला कलेक्टर ने लगाई मासिक टेस्ट पर रोक
सीएम गहलोत ने कहा यह दुख की बात है कोचिंग में छात्र पढ़ने के लिए आता है। और आत्महत्या कर लेता है। सीएम ने कहा यह सिर्फ कोटा ही नहीं बल्की उन सभी जगह है जहां कोचिंग संस्थान मौजूद है। बढ़ती आत्महत्याओं की घटना को देखते हुए जिला कलेक्टर द्वारा मासिक टेस्ट पर भी रोक लगा दी गई है। वहीं सरकार भी इस मामले को लेकर गंभीर नजर आ रही है। सरकार की और से कोचिंग संस्थानों के साथ मिलकर नीति बनाई जा सकती है। जिससे की छात्र डिप्रेशन का शिकार ना बने।
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कोचिंग संस्थानों पर लगाया जाए बैन- जोशी
मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कोचिंग संस्थानों की चेतावनी देते हुए कहा बच्चों को तंग ना किया जाए, अन्यथा सभी संस्थान खाली कर दिए जाएगे। प्रदेश में आज कोचिंग माफिया खड़ा हो चुका है। सीएम ने एसपी को पावर दी है। यदि वह एक्शन नहीं लेंगे तो जनता एक्शन लेगी। मंत्री महेश जोशी ने भी कोचिंग संस्थानों पर कड़ा रूख अपनाते हुए कहा कोचिंग संस्थानों पर बैन लगा देना चाहिए। वहीं इस मामले में आपदा राहत मंत्री गोविंद मेघवाल को भी बयान सामने आया। मेघवाल ने कहा गलत संगत के कारण भी कई बार बच्चे डिप्रेशन का शिकार हो जाते है।