- गुरुवंदन अलंकरण समारोह का आयोजन
- ललिता कापड़ी द्वारा संपादित पुस्तक ख्वाबों के गुब्बारे में स्वाति गुप्ता के एकल काव्य संग्रह खिलता उपवन का विमोचन
जयपुर। संपर्क संस्थान के तत्वाधान में गुरुवंदन अलंकरण समारोह का आयोजन हर्षोल्लास के साथ एटरनल हॉस्पिटल सभागार में किया गया। कार्यक्रम में देश की 31 महिला शिक्षिकाओं को मुख्य अतिथि समाज कल्याण बोर्ड अध्यक्ष डॉ. अर्चना शर्मा, कार्यक्रम अध्यक्ष राजस्थान यूनिवर्सिटी गांधी दर्शन निदेशक डॉ. राजेश शर्मा, समाजचिंतक शालिनी शर्मा, शिक्षाविद राकेश उपाध्याय, वरिष्ठ साहित्यकार एवं पत्रकार डॉ.मधुकर डोरिया, संस्थान अध्यक्ष अनिल लढ़ा तथा समन्वयक महासचिव रेनू शब्दमुखर ने गुरुवंदन अलंकरण से अलंकृत किया। इस दौरान उतराखण्ड हल्द्वानी निवासी ललिता कापड़ी की संपादित पुस्तक ख्वाबों का गुब्बारा तथा हैदराबाद निवासी डॉ. स्वाति गुप्ता के एकल काव्य संग्रह खिलता उपवन का विमोचन किया गया।
डॉ सुशीला शर्मा की सरस्वती वंदना गान के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इस अवसर पर डॉ.अर्चना शर्मा ने कहा कि जीवन में एक अच्छे शिक्षक के रूप में मां का भी उतना ही स्थान है क्योंकि पिता शायद उतना समय नहीं दे पाते जितना की मां एक बच्चे को देती है, साथ ही साथ निश्चित रूप में शिक्षक बच्चों के भविष्य के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने साहित्यकारों को सुधि बताते हुए उनके योगदान पर भी चर्चा की। संपर्क संस्थान के अध्यक्ष श्री अनिल लढ़ा ने कार्यक्रम में पधारे सभी शिक्षकों का धन्यवाद देते हुए कहा कि विद्यार्थियों के भविष्य निर्माण में शिक्षकों की भूमिका पर जोर देते हुये उन्होंने शिक्षक को समाज की रीढ़ की हड्डी बताया।
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कार्यक्रम में डॉ.मधुकर डोरिया ने सभी शिक्षकों को साधुवाद दिया और उनका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक मंच प्रदान करने का आश्वासन दिया । कार्यक्रम में स्वास्थ्य परिचर्चा में प्रसिद्ध सर्जन डॉक्टर सपना बोथरा जैन ने ब्रेस्ट कैंसर के कारणों व निदानों पर विस्तार से चर्चा की। तथा भागती- दौड़ती जिंदगी में सभी महिलाओं को अपने ऊपर विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए ,आज की महती जरूरत है, बताया।
ज्ञान विहार विद्यालय के प्राचार्य राकेश उपाध्याय ने वर्तमान युग में शिक्षकों के दोहरे दायित्व पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि आज का बालक बहुत सारे प्रश्नों के साथ कक्षा में आता है और तकनीकी इतने सारे प्लेटफार्म उपलब्ध होने के कारण शिक्षक को दुगुनी रफ़्तार से कार्य करने की आवश्यकता है।
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समाजचिंतक शालिनी शर्मा ने कहा कि आज के युग में शिक्षा देना बहुत आसान है लेकिन किसी भी शिक्षा को आत्मसात करना बहुत मुश्किल है। शिक्षक के ऊपर एक अच्छे राष्ट्र,एक अच्छे समाज के निर्माण की जिम्मेदारी है और इस जिम्मेदारी को से बड़ी ईमानदारी से निभा कर अपने शिक्षक धर्म का निर्वाह करना चाहिए।
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कार्यक्रम में संपर्क की महासचिव रेनू शब्दमुखर ने अपने शिक्षक व साहित्यकार होने का श्रेय अपने तीन गुरुओं को दिया उन्होंने अपने पिता श्री हनुमान प्रसाद गौड़ जी ,सुरेश ज्ञान विहार यूनिवर्सिटी के चेयरमैन श्री सुनील शर्मा जी व संपर्क संस्थान के अध्यक्ष श्री अनिल लढ़ा जी को अपनी सफलता का श्रेय दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे गांधी अध्ययन केंद्र के निदेशक राजस्थान विश्वविद्यालय श्री राजेश शर्मा ने शिक्षकों की समाज निर्माण में भूमिका पर अपने विचार रखे। उपाध्यक्ष डॉ आरती भदोरिया ने संपर्क संस्थान का विस्तार से परिचय दिया।
कार्यक्रम समन्वयक डॉ. नीतू भूषण तातेड़ ने सभी को साधुवाद दिया व कार्यक्रम संयोजक डॉ.योगिता जोशी व ने आभार प्रकट किया।कार्यक्रम का संचालन प्रसिद्ध कवयित्री संगीता गुप्ता ने बखूबी किया। कार्यक्रम में साहित्यिक हस्ती श्री नंद भारद्वाज, सुनील अग्रवाल अविनाश शर्मा ,
परमानंद चावला,नवीन भूटानी,रविन्द्र सोमानी,भूपेंद्र राणा, भी विशेष रूप से उपस्थित थे ।