Categories: स्थानीय

Shri Krishna  in saree, Janmashtami 2023 : जयपुर में दुनिया का एकमात्र मंदिर, जहां एक महीने तक साड़ी पहनते हैं भगवान श्रीकृष्ण

  • Shri Krishna Janmashtami 2023 
  • Shri Krishna  in saree

Shri Krishna  in saree, Janmashtami 2023 : गोपियों को अपनी बांसुरी से रिझाने वाले श्री कृष्ण की कई अनूठी लीलाएं हैं। इन्हीं लीलाओं से वो अपने भक्तों को रिझाते हैं। अपनी चौसठ कलाओं से सभी के ह्रदय में वास करने वाले श्री कृष्ण के कुछ रूप बहुत अद्भत हैं। राजस्थान के जयपुर में श्री कृष्ण का एक ऐसा ही मंदिर है जहां साल में एक बार कृष्ण राधा की तरह साड़ी में सजकर रहते हैं। यह मंदिर है जयपुर के पुरानी बस्ती इलाके में स्थित श्री गोपीनाथ जी मंदिर। जहां Shri Krishna Janmashtami पर भव्य श्रंगार और पूजन किया जाता है। मंदिर महंत के अनुसार यहां पर कृष्ण के दिल की धड़कन से उनके हाथ की घंड़ी भी चलती है। 

 

यह भी पढे़ – 551 किलो फूलों के बंगले में विराजेंगे कृष्ण-बलराम, जयपुर गोविंद देवजी मंदिर में ये बातें होंगी खास

 

 

साड़ी में क्यों सजते हैं कन्हैया
धोती कुर्ते में सजने वाले कृष्ण अपनी सुंदरता से सभी को मोहित करते हैं। वहीं गोपीनाथ मंदिर में साल में एक माह ऐसा होता है जब यहां उन्हें साड़ी पहना कर रखा जाता है। यहां करीब 14 पुश्तों से पूजा कर रहे महंत सिद्धार्थ गोस्वामी बताते हैं कि गर्मी के दिनों में कृष्ण के गोपीनाथ स्वरूप को गर्मी से बचाने के लिए साड़ी में रखा जाता है। 
 

 

यह भी पढे़ – Krishna Janmashtami 2023: 30 सालों बाद बन रहा खास संयोग, जानें कब करें जन्माष्टमी सेलिब्रेशन 6 या 7 सितंबर

 

 

ऐसे हुई थी स्थापना
वज्रनाभ ने गोपीनाथ को वृन्दावन में स्थापित किया था। मुसलमानों ने जब वृन्दावन पर आक्रमण​ किया तब उन्हें वृन्दावन से जयपुर लाया गया। माना जाता है भगवान गोपीनाथ कंधे से लेकर कमर तक भगवान कृष्ण के समान हैं। उन्हें कृष्ण का वक्षस्थल भी कहा जाता है। जिससे वे भक्तों के दिलों से जुड़ते हैं। श्री गोपीनाथ जी मंदिर में सुंदर नक्काशीदार चांदी के दरवाजे और दीवारों पर भव्य पेंटिंग की गई हैं। यहां भगवान कृष्ण की 9 बार झांकियां की जाती हैं। 

 

 

यह भी पढे़ – Krishna Janmashtami 2023 famous temples in India: कुष्ण के ये 10 मंदिर पूरे देश में हैं प्रसिद्ध, एक बार जरूर जाएं

 

 

घड़ी पहनते हैं भगवान 
गोपीनाथ मंदिर की एक खासियत यह भी है कि यहां वे हाथ में घड़ी पहनने हैं। श्री कृष्ण का है विग्रह कहलाने वाले गोपीनाथ के हाथों में घड़ी भी है। माना जाता है यहां पर पूर्व में भगवान की घड़ी उनके दिल की धड़कन से चलती थी। उस घड़ी के गुम होने के बाद वर्तमान में यहां अन्य घड़ियां श्री कृष्ण जी को बदल—बदल कर पहनाई जाती हैं। 

Ambika Sharma

Share
Published by
Ambika Sharma

Recent Posts

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने सराहे पीएमश्री स्कूल राहोली के शैक्षणिक नवाचार

टोंक। विगत तीन वर्षों से अपने शैक्षणिक नवाचारों से चर्चित राहोली के पीएमश्री राजकीय उच्च…

5 घंटे ago

क्षत्रिय समाज की बड़े आंदोलन की तैयारी: ठाकुर शिवराज सिंह शक्तावत

जयपुर। हाल ही में समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन के द्वारा दिए गए विवादित…

1 दिन ago

नववर्ष पर होगा विराट पथ संचलन

जयपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ऋषि गालव भाग द्वारा 30 मार्च, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा नववर्ष पर…

4 दिन ago

गुलाबी नगरी में राष्ट्र सेविका समिति का पथ संचलन, भारत माता के जयकारों से पथ संचलन का स्वागत

जयपुर। राष्ट्र सेविका समिति जयपुर विभाग का शुक्रवार को झोटवाड़ा में पथ संचलन निकाला। घोष…

4 दिन ago

कौन कहता है राणा सांगा हारे थे! टोंक का ये शिलालेख बताता है खानवा के युद्ध में जीते थे

— डॉ. योगेन्द्र सिंह नरूका इतिहासविज्ञ Rana Sanga News : जयपुर। टोंक के डिग्गी में…

6 दिन ago

राजस्थान जैन सभा के युवाओं को धर्म से जोडने की अनूठी पहल

Rajasthan News :  जयपुर। राजस्थान जैन सभा, जयपुर द्वारा 12 से 25 वर्ष के युवाओं…

1 सप्ताह ago