जयपुर। थानागाजी विधानसभा क्षेत्र यूं तो शुरुआत में कांग्रेस का गढ़ रहा है, लेकिन पिछले तीन दशकों में यहां की सियासी तस्वीर बदली है। यहां हुए पिछले सात विधानसभा चुनाव में चार बार भाजपा जितने में कामयाब रही है तो वहीं दो बार निर्दलीयों ने और एक बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की। इस सीट पर अब तक कोई भी विधायक दो बार से ज्यादा जीत का रिकॉर्ड नहीं बना पाया है। यहां अब तक दो बार जीत का रिकॉर्ड जय किशन, रमाकांत, हेमसिंह भड़ाना और कांति प्रसाद मीणा के नाम रहा है।
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सबसे ज्यादा मतदाता मीणा समाज
थानागाजी विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा मतदाता मीणा समाज से आते हैं, जबकि इसके बाद सबसे ज्यादा दबदबा गुर्जरों का है। वहीं बागड़ा ब्राह्मण का भी यहां खास प्रभाव माना जाता है।
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एक बार फिर हो सकता त्रिकोणीय मुकाबला
इस सीट पर लंबे अरसे से त्रिकोणीय या चतुष्कोणीय मुकाबला देखने को मिलता रहा है और उम्मीद जताई जा रही है कि यहां एक बार फिर त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है। कांग्रेस के पास इस सीट पर कोई बड़ा चेहरा नहीं है। हालांकि इस सीट से पूर्व उम्मीदवार रह चुकी उर्मिला योगी ने एक बार फिर दावेदारी जताई है, तो वहीं पूर्व विधायक कृष्ण मुरारी गंगावत भी मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं. वहीं यहां से मौजूदा विधायक कांति प्रसाद मीणा भी कांग्रेस आलाकमान पर टकटकी लगाए बैठे हैं। हालांकि अगर कांति प्रसाद मीणा को कांग्रेस टिकट नहीं देती है तो वह एक बार फिर निर्दलीय चुनावी मैदान में दिखाई पड़ सकते हैं।
वहीं बीजेपी की बात करें तो यहां टिकट दावेदारों की एक लंबी फेहरिस्त है, जिसमें हेमसिंह भड़ाना सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं, तो वहीं पूर्व मंत्री रोहिताश शर्मा की पुत्रवधू आरती शर्मा भी टिकट दावेदारों की कतार में है। वहीं रोहिताश और अभिषेक मिश्रा जैसे भी कई नाम कतार में है। इस सीट पर सबसे बड़ा मुद्दा पानी को लेकर है। वहीं सरिस्का टाइगर रिजर्व और महिला सुरक्षा जैसे भी यहां चुनावी मुद्दे हैं।