जयपुर, राजस्थान। द फ्यूचर सोसायटी एवं यूनिसेफ़ की पहल "जेंडर सेंसिटिव राजस्थान" का 2 नवंबर को शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर इंदिरा गांधी पंचायत भवन में पत्रकारों एवं पत्रकारिता के छात्रों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इसके माध्यम से पत्रकारों को "महिला मुद्दों" को मुखर होने के साथ ही "लैंगिक संवेदनशीलता" विषय पर प्रशिक्षण दिया गया।
इस प्रशिक्षण में पीआईबी की सहायक महानिदेशक ऋतु शुक्ला, यूनिसेफ़ राजस्थान प्रमुख इसाबेल बार्डम, वरिष्ठ पत्रकार एवं हरिदेव जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफ़ेसर त्रिभुवन, महिला मुद्दों के वरिष्ठ पत्रकार नसीरुद्दीन एवं जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष अमित अग्रवाल द्वारा ने मीडिया के विभिन्न माध्यमों से समाज में लैंगिक संवेदनशीलता की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।
सभी वक्ताओं ने एक सुर में स्वीकार किया कि मीडिया को इस विषय पर अपनी भूमिका बढ़ानी है और लैंगिक समानता स्थापित करने के लिये सामूहिक प्रयास करने है। 5 घंटे से ज़्यादा चली इस प्रशिक्षण कार्यशाला में कई प्रकार की शैक्षणिक गतिविधियों के साथ ही महिला मुद्दों एवं लैंगिक संवेदनशीलता पर बनाई गई विशेष फिल्म्स का प्रदर्शन भी किया गया। इस प्रशिक्षण के तहत पत्रकारों को महिला मुद्दों को ज़्यादा से ज़्यादा उठाने की ज़रूरत से लेकर फील्ड में हो रहे भेद भाव, महिलाओं की समस्याओं को बेहतर समझने, उनकी रिपोर्टिंग से लेकर लिखने तक की सभी कार्य समझाने पर बल दिया गया।
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इस दौरान पीआईबी राजस्थान की सहायक महानिदेशक रितु शुक्ला ने कहा कि मीडिया में महिलाओं का प्रतिशत बढ़ाना सबसे पहली ज़रूरत है। साथ ही उनके वेतन भी पुरूषों के समान हो ये सुनिश्चित करने की ज़रूर है। इस अवसर पर यूनिसेफ़ की राजस्थान प्रमुख इसाबेल बार्डम ने कहा कि राजस्थान में समान संवेदनशील समाज बनाने में मीडिया बड़ी भूमिका अदा कर सकता है। और यूनिसेफ़ फ्यूचर सोसायटी के इस प्रयास को साथ जयपुर सहित पूरे राजस्थान में लेकर जायेगा।
वरिष्ठ पत्रकार त्रिभुवन ने दुनिया के देशों के उदाहरण देते हुये कहा कि राजनीति में सहभागिता बढ़ाने से ही बुनियादी समस्याओं का समाधान संभव है। पत्रकारिता में महिलाओं की चुनौतियों के समाधान भी ज़रूरी बताया। जेईसीआरसी विश्वविद्यालय के प्रमुख अमित अग्रवाल ने सभी पत्रकारों से कहा कि लैंगिक समानता लाने के लिये ज़रूरी है कि महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनायें। इसके लिये मीडिया में उन अवसरों का प्रचार प्रसार हो जो सरकार और प्राइवेट एजेंसी द्वारा चलाये जा रहे हैं ।
इस सत्र के आख़िरी में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए द फ्यूचर सोसाइटी के अध्यक्ष सुशील कुमार शर्मा ने मौजूद सभी पत्रकारों की ज़िम्मेदारी बताते हुए कहा कि "महिला मुद्दों पर हर पत्रकार को अपनी क़लम पैनी करनी होगी, तभी जाकर महिलाओं की समाज में समानता एवं सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी"। आपकी जानकारी के लिए बता दें फ़्यूचर सोसाइटी द्वारा आयोजित इस अभियान के तहत अगले 5 माह तक पत्रकारों के साथ ही बच्चों, शिक्षकों एवं अभिभावकों को "लैंगिक संवेदनशील" बनाने का कार्य किया जाएगा।
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