उदयपुर- डूंगरपुर जिले के आसपुरा क्षेत्र के पचलासा छोटा गांव मे सात वर्ष पूर्व एक महिला को जिंदा जला दिया गया था। यह घटना खुब चर्चाओं में रही थी। बहुचर्चित इस मामले में अदालत ने फैसला सुनाते हुए 5 आरोपियों को उम्रकैद के साथ जुर्माने की सजा सुनाई है। वहीं इस मामले में साक्ष्य नहीं मिलने के कारण 21 आरोपियों को बरी करते हुए सजा निरस्त कर दी।
उम्र कैद की सुनाई सजा
बहुचर्चित मामला रामेश्वरी को सात साल पहले जिंदा जला दिया गया था। इस मामले में अपर जिला एवं सेशन न्यायालय सागवाड़ा के न्यायाधीश दिनेश कुमार गढ़वाल ने फैसला सुनाया। फैसला सुनाते हुए न्यायाधीश ने पचलासा छोटा निवासी कल्याणसिंह, गजेंद्र सिंह, रणजीतसिंह, प्रवीण सिंह तथा ईश्वरसिंह को दोषी मानते हुए विभिन्न धाराओं में सजा सुनाई गई। पांचों आरोपियों को न्यायाधीश ने सजा सुनाते हुए उम्रकैद के साथ 3 लाख 1 हजार का जुर्माना लगाया है।
यह था मामला
मामले की जानकारी देते हुए लोक अभियोजक आजाद शाह ने बताया की पचलासा छोटा निवासी कलावती देवी ने 5 मार्च 2016 को आसपुर थाने में मामला दर्ज करवाया था। रिपोर्ट में बताया की उसके बड़े बेटे प्रकाश ने 7 साल पहले पचलासा छोटा निवासी विजयसिंह की बेटी रामेश्वरी से प्रेम विवाह किया थ। विवाह के बाद से ही दोनो गांव के बाहर रह रहे है। जब प्रकाश अपनी पत्नी के साथ घर आया तब लक्ष्मणसिंह तथा प्रवीण सहित 35 लोग आए और रामेश्वरी के साथ मारपीट करते हुए बाहर ले गए। गांव के चौराहे पर रामेश्वरी को जिंदा जला दिया। इस दौरान कुछ लोगों द्वारा घर पथराव भी किया गया। पुलिस ने पीडिता की शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच शुरू की और आरोपियों को गिरफ्तार किया।