जयपुर। विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। भाजपा व कांग्रेस दोनों ही पार्टियां चुनावी मैदान में अपना दमखम झोंक रही हैं। कांग्रेस जहां सत्ता में बने रहने के लिए दमखम दिखा रही हैं वहीं भाजपा कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर सरकार बनाने के लिए अपना दमखम दिखा रही हैं। दोनों ही पार्टियां हर वर्ग को मनाने का प्रयास कर रही हैं। गहलोत सरकार किसानों को मनाने के लिए कृषक ऋण राहत आयोग विधेयक लेकर आई हैं ताकि किसानों को अपने पक्ष में कर सके वहीं भाजपा की और से किसानों को अपने पक्ष में करने के लिए किसान सम्मेलन किए जा रहे हैं।
ईआरसीपी परियोजना की मांग पड़ सकती हैं भारी
पूर्वी राजस्थान में इस बार भाजपा और कांग्रेस दोनों की राह आसान नहीं होने वाली हैं। दोनों ही दलों को युवओं व किसानों का गुस्सा झेलना पड़ सकता हैं। ईआरसीपी परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग बार-बार उठाई गई हैं, लेकिन आज दिन तक इस मांग को पूरा नहीं किया जिसके कारण केंद्र की भाजपा सरकार से किसान व आमजन खासा नाराज हैं। इस नाराजगी का हर्जाना भाजपा को प्रदेश में भरना पड़ सकता हैं। वहीं प्रदेश की कांग्रेस सरकार से बार-बार हो रही पेपर लीक की घटनाओं से युवा खासा नाराज हैं। ऐसे में युवाओं की नाराजगी कांग्रेस सरकार को उठानी पड़ सकती हैं।
कर्जा माफ होने के इंतजार में बैठे किसान
ईआरसीपी योजना के जरीए 13 राज्यों को पानी उपलब्ध करवाने की योजना तैयार की गई थी। बार-बार मांग करने के बाद भी अब केंद्र सरकार इससे पल्ला झाड़ रही हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों इस योजना को लेकर एक दूसरे को दोष मढ़ने में लगी हुई हैं। वहीं बार-बार हो रही पेपर लीक की घटना से युवाओ में आक्रोष हैं। लाखों बेरोजागार युवा कई बार प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ हुंकार भर चुके हैं। पेपर लीक के मामलों की बात करे तो बीते चार साल में 16 मामले दर्ज किए गए हैं। सरकार की और से भर्तियां निकाली तो गई पर पूरी नहीं हो सकी। वहीं कांग्रेस सरकार की और से किसानों का कर्जा माफ करने की बात कही गई थी, लेकिन किसानों का कर्जा माफ नहीं किया गया। किसान आज भी कर्जा माफ होने का इंतजार कर रहे हैं।