अजमेर। प्रदेश में मौसम बिगड़ने की जानकारी मौसम विभाग द्वारा पिछले तीन-चार दिनों से दी जा रही है। इसके अलावा उन जगहों का नाम भी मौसम विभाग द्वारा बताया जा रहा था जहां-जहां तेज आंधी तूफान के साथ भारी वर्षा होने की संभावना थी। इसमें अजमेर का नाम भी शामिल था, बावजूद इसके अजमेर का टाटा पावर कुंभकरण की नींद सोया हुआ था। जिसके चलते जब तेज हवाएं चली और तेज बारिश हुई तो टाटा पावर की लापरवाही के चलते जगह-जगह खुले पड़े तार और विद्युत पोल पर लटके हुए तारों के कारण जगह-जगह विद्युत सप्लाई ठप हो गई।
हालात यह थे कि शहर के 70 प्रतिशत हिस्से में लाइट गुल थी और डाटा पावर चैन की नींद सो रहा था। ऐसा नहीं है कि जिन क्षेत्रों में लाइट गई थी, वहां के लोगों ने टाटा पावर को फोन नहीं किए हो लोगों ने टाटा पावर द्वारा जारी किए गए फोन नंबर जोकि पब्लिक की सेवा के लिए दिए गए थे उन पर लगातार ट्राई किया, लेकिन यह फोन नंबर घनघनाते ही रहे लेकिन टाटा पावर में लगे कर्मचारियों ने फोन उठाने की जहमत तक नहीं उठाई। जिसके चलते रात भर कई लोग अंधेरे से जूझते रहे और दहशत में रहे। इसके अलावा विद्युत पोल पर झूलते हुए तारों के कारण हवाओं से तार टकराए और कई मकानों में शॉर्ट सर्किट हुआ। तथा मकानों में लगे विद्युत उपकरण नष्ट हो गए, यदि मौसम विभाग के अलर्ट करने पर टाटा पावर भी अलर्ट हो जाता तो विद्युत पोल पर जहां-जहां तार झूल रहे हैं उन्हें या तो कस दिया जाता या तारों पर फाइबर का ग्रिप चढ़ा दि जाती जिससे यदि तार आपस में टकराते तो शॉर्ट सर्किट होने का खतरा नहीं रहता।
नगर निगम के वार्ड नंबर 46 के पार्षद हेमंत सांखला ने बताया कि टाटा पावर ने जो आम उपभोक्ताओं की सेवा के लिए टेलीफोन नंबर जारी कर रखे हैं उन टेलीफोन नंबरों को या तो बंद कर देना चाहिए या फिर उन टेलीफोन नंबर पर बैठने वाले लोगों को सख्त हिदायत दी जानी चाहिए। ताकि समय पर वे लोग फोन अटेंड करके विद्युत उपभोक्ताओं को आ रही परेशानी को दूर करके राहत पहुंचा सके, वही शुक्रवार सुबह दिखावा करने के लिए बाहर निकले टाटा पॉवर के कर्मचारीयों ने छोटे-मोटे फॉल्ट ठीक करके इतिश्री कर ली, जबकि उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए टाटा पावर के कर्मचारियों को टाटा पावर को विपत्ति के समय उपभोक्ताओं के लिए उपलब्ध रहना चाहिए।