Deoli Uniara by-election : जयपुर। राजस्थान की 7 विधानसभा सीटों पर होन वाले उपचुनाव को लेकर भाजपा कांग्रेस, आरएलपी, बाप पार्टी और बीटीपी ने कमल कस ली है। सभी ने ज्यादा से ज्यादा सीटे जीतने के लिए पूरी ताकत लगा दी है। लेकिन इन 7 सीटों में से सिर्फ केवल एक सलूबंर सीट भाजपा के पास थी। ऐसे में भाजपा इस सीटों को हालिस करना आसान नहीं होगा। इसी बीच एक सीट है देवली उनियारा। इस सीट पर भी भाजपा को बड़ी चुनौती मिल सकती है। तोल चलिए आज बात करते है देवली उनियारा विधानसभा सीट की।
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मीणा-गुर्जर की जोड़ी दिलायेगी जीत
देवली-उनियारा विधानसभा सीट की बात करे तो, यहां से देवली उनियारा के विधायक और सचिन पायलट के करीबी हरीश मीणा के सांसद बन गए है। ऐसे में यहां भी उपचुनाव होने वाले है। देवली उनियारा और दौसा विधानसभा सीट भाजपा के लिए चुनौती पूर्ण हैं। इसकी वजह यहां कांग्रेस के दिग्गज गुर्जर और मीणा नेताओं की जुगलबंदी है। इनके कब्जे से बीजेपी के लिए सीट निकालना बड़ी चुनौती है। दौसा और देवली उनियारा विधानसभा सीट पर कांग्रेस नेता सचिन पायलट का बड़ा दबदबा है। वहीं देवली में सांसद हरीश मीणा, तो दौसा में मुरारीलाल की अच्छी पकड़ हैं। ऐसे में अब माना जा रहा है कि देवली उनियारा सीट पर भी सचिन पायलट और हरीश मीणा की पसंद से ही कांग्रेस उम्मीदवार उतारेगी। सियासी गलियारों में चर्चा है कि देवली उनियारा विधानसभा सीट पर सचिन पायलट और हरीश मीणा का पूरा होल्ड रहेगा?
भाजपा को इस सीट को जीतना मुश्किल
अगर देवली उनियारा सीट पर जातिगत समीकरणों की बात करे तो यहां यह सीट गुर्जर मीणा बाहुल्य की हैं। इस सीट पर लगभग 50 हजार मतदाता मीणा समाज के हैं, वही अगर गुर्जर मतदाताओं की बात करें। यह आंकड़ां लगभग 45 हजार हैं। यही वजह है कि शुरु से ही इस सीट पर गुर्जर और मीणा ही जीत हार तय कर करते है। ऐसे में उपचुनाव में कांग्रेस को सचिन पायलट के जरिए गुर्जर मतदाताओं और टोंक सांसद हरीश मीणा के जरिए मीणा मतदाताओं को साधने में बड़ी मदद मिलेगी, तो अब पायलट और हरीश मीणा मिलकर दोनों ही जातिओं को साध लेगें और कांग्रेस के पक्ष में समीकरण भी सेट हो जाएंगे। भाजपा को इस सीट को निकालने में मुश्किल हो सकती है? वही अगर इस सीट पर उम्मीदवारों की बात करे तो, कांग्रेस से युवा नेता हनुमंत सिंह मीना, पूर्व छात्रसंघ महासचिव नरेश मीणा, पूर्व सरपंच संघ जिला अध्यक्ष हरकचंद गोलेछा टीकट के प्रबल दावेदार है। वही भाजपा से पूर्व प्रत्याशी विजय बैंसला, पूर्व विधायक राजेंद्र गुर्जर, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष प्रभुलाल सैनी टीकट के प्रबल दावेदार है। हालांकि अब देखना होगा कि भाजपा और कांग्रेस से किसे टिकट मिलता है।
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