हाईकोर्ट के आदेशों के बाद जयपुर नगर निगम ग्रेटर की ओर से मानसरोवर मध्यम मार्ग के में स्थित दुकानों को हटाने का नोटिस जारी होने के बाद सोमवार को व्यापारियों ने विरोध-प्रदर्शन करते हुए अपनी दुकानों को बंद रखा। व्यापारियों ने भारी संख्या में निगम की ओर से दिए गए नोटिस का विरोध में सोमवार को एक रैली निकाली।
जयपुर नगर निगम ग्रेटर के मानसरोवर जोन उपायुक्त मुकेश चौधरी ने कुछ दिनों पहले हाईकोर्ट ने एक याचिका पर आदेश देते हुए उक्त जगह से अवैध निर्माण को चिह्नित कर नोटिस देने और उन पर कार्रवाई करके पालना रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे। इन्हीं आदेशों की पालना में इन सभी घरों को नोटिस जारी किया गया था। इन नोटिसों में इन सभी को अपने स्तर पर अवैध निर्माण और जो व्यवसायिक गतिविधियां संचालित है उनको हटाने के लिए कहा है। निगम की ओर से ये भी कहा गया था कि अगर 7 दिन के अंदर अवैध निर्माण नहीं हटाया तो निगम दस्ते की ओर से कार्रवाई की जाएगी।
आपको बता दे कि मानसरोवर निवासी मनमोहन नागपाल की याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने ये आदेश दिए थे। नागपाल का मानसरोवर के सेक्टर 30 में फ्लैट है जो फर्स्ट फ्लोर है और ग्राउंड फ्लोर पर बने फ्लैट व्यावसायिक गतिविधियां चल रही थी। इसके अलावा फ्लैट मालिक ने सैट बैक एरिया में भी दुकानें बना रखी हैं। नगर निगम ग्रेटर ने 2 मार्च को इन दुकानों को सील कर दिया था।
निगम की ओर से की गई इस कार्रवाई के बाद दुकान मालिक अनिल गुप्ता ने हाईकोर्ट में पेश होकर बताया था कि पूरे मध्यम मार्ग में आवसीय मकानों में व्यवसायिक गतिविधियां संचालित है और सिर्फ उनकी ही दुकानों को क्यों सील किया गया है। इस पर हाईकार्ट ने मध्यम मार्ग का सर्वे करवाकर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश निगम ग्रेटर को दिए थे।