- नारायण पंचारिया बने चुनाव प्रबंधक समिति के संयोजक
- शीर्ष नेताओं को नहीं मिली जगह
- प्रभारी अरुण सिंह ने कहा बड़ी जिम्मेदारी मिलने की उम्मीद
भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनावों को लेकर गुरुवार को प्रदेश चुनाव प्रबंध समिति और संकल्प पत्र समिति की घोषणा की। इन दोनों समितियों की घोषणा से पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को बड़ा झटका लगा है। राजे को दोनों ही अहम समितियों से किनारे कर दिया गया है। इनमें 46 नेताओं को जगह मिली है लेकिन राजस्थान में बीजेपी के खास चेहरे को सूची से नदारद किया गया है। ऐसे में सियासत में माहौल फिर से गरमा सकता है।
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नारायण पंचारिया बने चुनाव प्रबंधक समिति के संयोजक
प्रदेश चुनाव प्रबंध समिति में संयोजक की जिम्मेदारी पूर्व सांसद और प्रदेश उपाध्यक्ष नारायण पंचारिया को बनाया गया है। वहीं संकल्प पत्र समिति के संयोजन का जिम्मा केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को सौंपा गया है। इस तरह दोनों समितियों में कुल 46 नेताओं को जगह मिली है।
शीर्ष नेताओं को नहीं मिली जगह
राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने जो दोनों अहम समितियां बनाई है इनमें केवल वसुंधरा राजे ही नहीं बल्कि पार्टी के और भी बड़े नेता का नाम काट दिया गया है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां के नाम भी लिस्ट में नजर नहीं आए।
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प्रभारी अरुण सिंह ने कहा बड़ी जिम्मेदारी मिलने की उम्मीद
प्रदेश चुनाव प्रबंध समिति और प्रदेश संकल्प पत्र समिति के ऐलान के बाद सियासी गलियारों में कई कयास लगाए जा रहे हैं। जब प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह से मीडिया ने वसुंधरा राजे के बारे में सवाल किया तो उन्होनें राजे के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष होने की बात कही। साथ ही कि परिवर्तन यात्राओं में वसुंधरा राजे समेत सभी बड़े नेताओं को अहम जिम्मेदारियों दी जाएगी।