Rajasthan Politics: राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) एक बार फिर अपने बयानों को लेकर चर्चा में है। राजे ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि जैन धर्म का सिद्धांत जीओ और जीने दो है, लेकिन कई लोगों ने उलट दिया है। वे लोग जीओ और जीने मत दो यानी खुद तो जीओ, लेकिन दूसरों को जीने मत दो, इस सिद्धांत पर काम कर रहे है। राजे ने कहा ऐसे लोग कुछ समय के लिए खुश रह सकते है, लेकिन हमेशा खुश नहीं रह सकते। इसलिए जैसा बोओगे, वैसा ही काटोगे भी। जैन धर्म के एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंची राजे ने कहा हमें पीएम मोदी की सोच को आगे बढ़ाना है।
राजे ने दो पंक्तियों में जाहिर किया गुस्सा
“काश ऐसी बारिश आए, जिसमें अहम डूब जाए। मतभेद के किले ढह जाएं। घमंड चूर-चूर हो जाए। गुस्से के पहाड़ पिघल जाए। नफरत हमेशा के लिए दफन हो जाए और सब के सब मैं से हम हो जाएं।”
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे शुक्रवार को भगवान ऋषभदेव के दर्शन करने पहुंची थी। यहां उन्होंने जैन संत आचार्य पुलक सागर जी महाराज के ज्ञान गंगा महोत्सव में शिरकत की। इसी मौके पर उन्होंने इशारों-इशारों में ही ऐसे बयान दिए, जिनसे उन्होंने अपने राजनीतिक विरोधियों को कड़ा संदेश दे डाला।
इस मौके पर राजे ने कहा जैन धर्म का मूल सिद्धांत हिंसा रहित जीवनशैली है। लेकिन हिंसा की परिभाषा सिर्फ हथियार से वार या फिर किसी को मारना-पीटना नहीं है। राजे ने कहा किसी का दिल दुखाना या फिर दिल तोड़ना और आत्मा को सताना भी एक प्रकार की हिंसा ही है।
सियासत में जनता का प्यार बड़ी दौलत
पूर्व सीएम राजे ने कहा ‘सियासत में जनता का प्यार ही सबसे बड़ी धन दौलत है, जो उन्हें निरंतर मिलता रहा है।’ इस मौके पर राजे के साथ पूर्व मंत्री व विधायक कालीचरण सराफ, अजय सिंह किलक, भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी, विधायक भैराराम सियोल, विधायक तारा चंद जैन, महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुमन शर्मा, पूर्व विधायक अमृता मेघवाल, नाना राम अहारी, उदयपुर भाजपा जिला अध्यक्ष चंद्रगुप्त सिंह और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुंदर सिंह भानावत भी मौजूद रहे।