राजस्थान विधानसभा चुनावों को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां सक्रिय है वहीं पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने भी खुद को तैयार कर लिया है। पार्टी में अपनी पकड़ फिर से बनाने और आलाकमना का ध्यानाकर्षित करने के लिए राजे चुनावी दौड़ के लिए हुई तैयार हो चुकी है। इस बात को उन्होनें झालावाड़ दौरे में साबित कर दिया।
इन दिनों वसुंधरा राजे ने अपने निर्वाचन क्षेत्र झालावाड़ का दौरा किया। घर-घर में जाकर उन्होनें जनता के मन को जानने की कोशिश की। उनका यह दौरा आने वाले चुनावों के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वसुंधरा राजे के इस दौरे से अनुमान लगाया जा रहा है कि वे राजस्थान के विधानसभा चुनावों के लिए तैयार है और पार्टी के आलाकमान को बड़ी जिम्मेदारी देने में देर नहीं करनी चाहिए।
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राजे का चेहरा सीएम के लिए नहीं आया तो होगा पार्टी को नुकसान
दरअसल वसुंधरा राजे के समर्थक लंबे समय से भविष्य में होने वाले चुनावों में उनका सीएम के तौर पर चेहरा देखना चाहते हैं। पूर्व सीएम के चुनावों से 8 महिने पहले एक्टिव होने से राजनीतिक विश्लेषक इसके अलग-अलग मायने निकाल रहे हैं। विश्लेषकों का मानना है कि वसुंधरा राजे का इस तरह थोड़े समय पहले वापस आना बता रहा है कि वो पार्टी के आलाकमान को बताना चाहती है कि सीएम के लिए वो तैयार है और अगर पार्टी ने उन्हें सीएम फेस के तौर पर नहीं उतारा तो भारी नुकसान हो सकता है।
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गदा थाम कहा बस 6 महिने की बात
वसुंधरा राजे ने झालावाड़ दौरे के दौरान हाथ में बजरंग बलि की गदा हाथ में लेकर कहा कि बस 6 महिने की बात है। इसके बाद झालावाड़ में 2003 और 2013 जैसा विकास होगा। साथ ही उन्होने यह भी कहा कि पिछली बार जनता ने आधे प्रतिशत मतों से सेवा से वंचित रख दिया था। अगर उन्हें मौका मिलता तो पूरे झालावाड़ की शक्ल ही बदल जाती।