जयपुर। Vasundhara Raje ने राजस्थान के CM पद को लेकर खेला कर दिया है। भाजपा की दमदार नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने भाजपा से अनोखी मांग की है। खबर है कि वसुंधरा राजे ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से 1 वर्ष के लिए Rajasthan CM उन्हें ही बनाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इसके बाद वो स्वयं इस से इस्तीफा दे देंगी। सूत्रों के हवाले से खबर है कि पार्टी नेतृत्व ने उन्हें स्पीकर बनाने की कह रहा है। सूत्रों के मुताबिक वसुंधरा राजे ने स्पीकर बनाने के पार्टी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है।
1 साल के लिए सीएम बनना चाहती है वसुंधरा राजे
वसुंधरा राजे ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से उन्हें ही सीएम बनाने का आग्रह किया है। इसके साथ ही राजे ने उन्हें विधायकों से अलग से नहीं मिलने के लिए की भी सलाह दी है। खबर है कि वसुंधरा राजे ने कल यानी रविवार रात जेपी नड्डा से फोन पर इस मामले को लेकर बात की थी। उसी समय नड्डा ने उन्हें स्पीकर बनाने के लिए कहा था जिसको वसुंधरा ने मना कर दिया।
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राजस्थान में बहुमत की सरकार
भाजपा ने राजस्थान विधानसभा चुनाव में 115 सीटें प्राप्त की है जो बहुमत का जादूई आंकड़े से ज्यादा है। लेकिन भाजपा चुनाव परिणाम आने के 1 सप्ताह बाद तक भी Rajasthan CM Sapath नहीं दिलवा पाई है। भाजपा को डर है कि Rajasthan CM के ऐलान के बाद पार्टी के भीतर अंदरूनी कलह हो सकती है जिसका नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस वजह से भाजपा ने 3 वरिष्ठ नेताओं को पर्यवेक्षक बनाकर राजस्थान भेजा। भारतीय जनता पार्टी के केंद्रिय नेतृत्व ने राजस्थान के लिए केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, सांसद सरोज पांडे और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े को पर्यवेक्षक बनाकर भेजा है।
बीजेपी के विधायक दलो की बैठक
भाजपा के केंद्रिय नेतृत्व द्वारा बनाए गए 3 पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में कल यानी मंगलवार को पार्टी की विधायक दल बैठक होगी। मंगलवार सुबह 10:30 बजे होने वाली इस बैठक में ही राजस्थान के अगले सीएम के नाम का ऐलान किया जा सकता है।
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वसुंधरा ने किया था शक्ति प्रदर्शन
राजस्थान की राजनीति में वसुंधरा राजे सिंधिया का कद काफी बड़ा है और पार्टी की बड़ी नेता हैं। इतना ही नहीं बल्कि वो 2 बार राज्य की सीएम रह चुकी हैं। चुनावी नतीजों में बंपर सफलता मिलने के बाद से ही उन्होंने अपना शक्ति प्रदर्शन किया था। चुनाव परिणामों के बाद बाद उनके घर पर जीते हुए विधायक पहुंच गए थे। इसके वसुंधरा खुद भी दिल्ली गईं और केंद्रीय नेतृत्व से कई दौर की बैठकें की।