Veer Tejaji Mandir Kharnal Nagaur: राजस्थान के नागौर जिले के खरनाल गांव में लोकदेवता वीर तेजाजी की जन्मस्थली हैं। तेजाजी जन जन के अराध्य देव हैं। यहां तेजाजी का भव्य मंदिर हैं, जहां आज 09 फरवरी (शुक्रवार) को राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajanlal Sharma) दर्शन करने पहुंच रहे हैं। इस मंदिर को करीब चार सौ करोड़ से अधिक की लागत से तैयार किया गया हैं। यह मंदिर गुजरात के प्रसिद्ध अक्षरधाम की तर्ज पर तैयार हुआ हैं।
मंदिर में चांदी के दरवाजे व सोलर लाइट
खरनाल स्तिथ इस मंदिर में चांदी के दरवाजे लगे हुए हैं। यह मंदिर तेजाजी की जन्मस्थली पर स्थित प्राचीन मंदिर के पास तैयार किया गया था। मंदिर परिसर सोलर लाइटों से जगमगा रहा हैं। मंदिर में पूरी बिजली सौर ऊर्जा से मिल रही हैं। मंदिर परिसर में मीठे पानी को बचाकर उसका पीने योग्य इस्तेमाल होता हैं। मंदिर के परिसर के चारों तरफ सैकड़ों देशी-विदेशी छाया, फल, फूलदार पेड़-पौधे भी हैं, जो आने वाले भक्तों को अनुकूल वातावरण में बांधे रखते है।
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जाट परिवार में हुआ तेजाजी का जन्म
खरनाल गांव नागौर-जोधपुर राजमार्ग पर नागौर से 16 किलोमीटर की दूरी पर स्तिथ हैं। तेजाजी का जन्म भाद्रपद शुक्ल दशमी को वर्ष 1074 में, धोलिया गोत्र के जाटों के परिवार में हुआ था। उनके पिता, खरनाल के एक प्रमुख जाट ताहरजी थे। उनकी माता का नाम सुगना था। माना जाता है कि नाग-देवता के आशीर्वाद से माता सुगना को पुत्र तेज की प्राप्ति हुई थी। इनकी पत्नी का नाम पेमल था। यही पुत्र तेज दुनियाभर में वीर तेजाजी के नाम से जाना गया।
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वीर तेजाजी मंदिर में क्या-क्या हैं खास?
लोकदेवता वीर तेजाजी की जन्मस्थली पर स्तिथ इस मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए विशेष भवन बने हुए हैं। अतिविशिष्ठ लोगों के लिए फाइव स्टार सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। मंदिर में लोक देवता तेजाजी की पत्नी पेमल के नाम से संग्रहालय एवं मीटिंग हॉल भी हैं। लीलण ब्लॉक में पांच सितारा कमरे हैं।
नागौर-जोधपुर राजमार्ग से ही लोगों की नजर सीधी इस भव्य मंदिर पर पड़ती हैं। मंदिर निर्माण में जोधपुर के प्रसिद्ध छीतर के पत्थर का इस्तेमाल हुआ हैं। प्रवेश द्वार पर पत्थरों की पेडिय़ां विशेष आकर्षण का केन्द्र हैं। मंदिर परिसर में बड़ी लाईब्रेरी हैं, जिसमें प्रत्येक लोकदेवता का इतिहास पढ़ने को मिलता हैं।