- प्रदेशभर में स्थापित होंगी जल गुणवत्ता जांच लैब
- गहलोत ने देखा सपना, जोशी करेंगे पूरा
- 15 अगस्त से 30 सितम्बर तक चलेगा मिशन
जयपुर। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. महेश जोशी की अध्यक्षता में विभाग की बैठक हुई। जोशी ने मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए विजन-2030 के बारे में विस्तार से चर्चा की। मिशन 2030 को लेकर प्रबुद्धजनों, विषय विशेषज्ञों, हितधारकों, स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों, विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों से सुझाव मांगे। इसके साथ ही जो महत्वपूर्ण चर्चा की गई वो पेयजल क्षेत्र से संबंधित थी। इस दौरान गहलोत के मंत्री महेश जोशी ने कहा कि विजन-2030 के लिए राजस्थान के फ्यूचर रोडमैप के अहम दस्तावेज तैयार किये गए।
प्रदेशभर में स्थापित होंगी जल गुणवत्ता जांच लैब
इस मीटिंग के दौरान पेयजल क्षेत्र में 2030 तक के विजन को लेकर प्रदेशवासियों की राज्य सरकार से आकांक्षाओं एवं अपेक्षाओं पर भी चर्चा की गई है। बैठक में प्रदेशभर से पीएचईडी एवं जल संसाधन विभाग के छह लाख से अधिक हितधारक जुड़े हैं। बैठक में जोशी ने कहा कि प्रदेश के सभी 50 जिलों में जल गुणवत्ता जांच लैब की स्थापना की जाएगी। इसकी शुरुआत पुराने 33 जिलों से होंगी। इसके साथ ही जोशी ने कहा कि प्रदेश के सभी 228 शहरों-कस्बों को 24 घंटे में एक बार पेयजल आपूर्ति उपलब्ध कराना जलदाय विभाग के विजन-2030 में शामिल है।
गहलोत ने देखा सपना, जोशी करेंगे पूरा
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. महेश जोशी ने कहा कि जिस तरह पूर्व पीएम स्व. राजीव गांधी का सूचना क्रांति का सपना पूरा हुआ उसी तरह 2030 तक के राजस्थान का सपना मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देखा है और वे मिशन 2030 लेकर आए हैं जिसके परिणाम दूरगामी होंगे और राजस्थान नंबर वन राज्य बनेगा।
15 अगस्त से 30 सितम्बर तक चलेगा मिशन
संयुक्त सचिव, आयोजना सुशील कुलहरी ने बताया कि मिशन 2030 की शुरूआत 15 अगस्त से हुई थी और यह 30 सितम्बर तक चलेगा। हर विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को राज्य के विकास के लिए उपयोगी सुझाव देने का आह्वान किया है।