- पांच साल तक चली दुश्मनी
- बातचीत नहीं होने पर वसुंधरा की बताई गलती
- जनता ही होती है माई बाप
जयपुर। राजस्थान में चुनावी माहौल में बयानबाजी चालू है। बीजेपी-कांग्रेस एक दूसरे पर लगातार हमलावर है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान से एक बार फिर सियासत गरमा रही है। सीएम गहलोत ने कहा कि वसुंधरा से मेरी बातचीत वाले संबंध नहीं है। यह उनकी गलती थी। जब वो मुख्यमंत्री बनी तो उन्होनें परंपराओं को खत्म करवा दिया।
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पांच साल तक चली दुश्मनी
वसुंधरा राजे और सीएम अशोक गहलोत के बीच 36 का आंकड़ा माना जाता है। आखिर इन दोनों के बीच दुश्मनी की वजह क्या है। दरअसल वसुंधरा राजे को कांग्रेस सहित कई विपक्षी पार्टियां अहंकारी बताती है। हुआ यूं कि वसुंधरा राजे जब चुनाव जीत गई तो ऐसी स्थिति बन गई जैसे हम आपस में दुश्मन हों। पांच साल तक हमारी आपस में दुश्मनी ही रही। इसके बाद वसुंधरा के अहं को तोड़ने के लिए जब मैं मुख्यमंत्री बना तब जाकर हाय हेलो होने लगा।
गहलोत ने बातचीत नहीं होने पर वसुंधरा की बताई गलती
सीएम गहलोत ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से दुश्मनी को लेकर सीएम गहलोत ने बताया कि मैं जब चुनाव जीता शेखावत 32 सीटों पर आ गए थे। हमने 156 सीटों पर जीत हासिल की थी। उसके बाद शेखावत के घर हमारा होली दिवाली पर आना जाना था। लेकिन जब वसुंधरा सीएम बनी तो उन्होनें यह परंपरा ही खत्म कर दी।
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जनता ही होती है माई बाप
सीएम गहलोत ने आगामी विधानसभा चुनाव पर बातचीत करते हुए कहा कि लोकतंत्र में पब्लिक माई बाप होती है। उन्होनें कहा कि इस बार हमने जनता के लिए जो काम किए हैं उनसे पता चलता है कि सरकार फिर से रिपीट होगी। हमने हर घर यह बात पहुंचाई है कि बेहतर सरकार को चुनें। हमें कोई चिंता नहीं है। पार्टी का लक्ष्य 156+ सीटें जीतने का है।