- छात्र नेतओं की किस्मत का आज होगा फैसला
- छात्रसंघ चुनावों पर हाई कोर्ट करेगा सुनवाई
- क्या छात्रों का संघर्ष लाएगा रंग
जयपुर। राजनीति की पहली सिढ़ी छात्र राजनीति से होकर गुजरती है। राज्य सरकार ने छात्र नेताओं की इस पहली सिढ़ी पर रोक लगा दी है। छात्रसंघ चुनाव पर लगी रोक के बाद से ही छात्र संघटन सड़कों पर उतर कर विरोध जता रहे है। छात्रसंघ चुनाव की मांग कर रहे छात्र संगठनों तथा छात्र नेताओं की निगाए राजस्थान हाई कोर्ट पर टिकी है। छात्र संगठनों की और से चुनाव से बैन हटाने की मांग को लेकर याचिका दायर की थी जिस पर आज राजस्थान हाई कोर्ट सुनवाई करने वाला है। मुख्य न्यायाधीश एजी मसीह की खंडपीठ की और से याचिका पर सुनवाई की जाएगी। अधिवक्त्ता शांतनु पारीक ने याचिका दायर की थी।
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छात्र संगठन उतरे सड़कों पर
छात्र संघ चुनाव पर पर उच्च शिक्षा विभाग की बैठक के दौरान रोक लगाई गई। इस बैठक में प्रदेश भर के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने नई शिक्षा नीति तथा विश्वविद्यालय में एडमिशन तथा रिजल्ट प्रक्रिया का हवाला देते हुए चुनाव पर रोक की मांग की थी। जिसके बाद छात्रसंघ चुनाव पर रोक का निर्णय लिया गया। इस निर्णय के सामने आते ही छात्र संगठन सड़कों पर उतर आए और सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। चुनाव पर रोक के बाद सबसे ज्यादा बवाल जयपुर में देखने को मिला। छात्रसंघ चुनाव की मांग कर रहे छात्र भूख हड़ताप पर बैठ गए तथा पैट्रोल छिड़क कर आत्मदाह का प्रयास करने लगे।
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प्रदेश में जमकर हुई राजनीति
छात्रसंघ चुनाव से बैन हटाने की मांग को लेकर एबीवीपी तथा एनएसयूआई ने एक जाजम पर आकर चुनाव पर लगाई रोक का विरोध जताया। छात्रसंघ चुनाव पर बैन के बाद प्रदेश में जमकर राजनीति भी देखने को मिली। बीजेपी नेताओं ने गहलोत सरकार को जमकर आढ़े हाथ लिया। चुनाव कराने की मांग को लेकर छात्र संगठनों के समर्थन में कई बड़े नेता उतर आए। आरएलपी सुप्रिमों सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी छात्र संगठनों को अपना समर्थन दिया। भाजपा ने कहा सरकार चुनाव पर बैन लगा रही है क्योंकी सरकार को पता है प्रदेश का युवा सरकार के खिलाफ है।