राजस्थान में पेपरलीक मामले ने फिर से एक बार तूल पकड़ लिया है। पेपर लीक मामले से जुड़े वाइस प्रिंसिपल को सरकार की ओर से बर्खास्त कर दिया गया था। उसे ही शिक्षा विभाग ने प्रमोशन देकर वाइस प्रिंसिपल से प्रिंसिपल बना दिया। जैसे ही मामला सामने आया विभाग की ओर से आर्डर को वेबसाइट से हटाया गया। विभाग के अधिकारियों ने भी इसे चूक मानकर इस मामले की जांच करने की बात कही है।
करोड़ों का था मामला
वरिष्ठ शिक्षक भर्ती परीक्षा में दिसंबर 2022 में पेपर लीक का प्रकरण हुआ था। परीक्षा का पेपर आरोपी शेर सिंह मीणा ने खरीदा था। वही आरपीएससी सदस्य पर भी 60 लाख रुपये में पेपर खरीदने का आरोप है। जिसके बाद यह पेपर सुरेश ढाका और भूपेन्द्र सारण के पास पहुंचा। इस मामले के सामने आने के बाद ही वाइस प्रिंसिपल शेर सिंह मीणा जेल में हैं। वहीं दूसरी ओर विभाग की ओर से मीणा के प्रमोशन लेटर निकाले गए।
प्रमोशन लिस्ट में नाम आया
शिक्षा विभाग की ओर से 26 मई को प्रमोशन लिस्ट जारी की गई थी। जिसमें डीपीसी के अन्तर्गत होने वाले प्रमोशन की लिस्ट थी। इस लिस्ट में ही सिरोही के राजकीय महात्मा गांधी स्कूल भावरी स्कूल के वाइस प्रिंसिपल का नाम भी था। जिसमें वाइस प्रिंसिपल अनिल कुमार मीणा उर्फ शेरसिंह को प्रमोट किया गया था। खबर के फैलते ही मामला उछलने लगा और विभाग की ओर से आदेश साइट से हटाए गए।