Dausa by-election : दौसा। राजस्थान में होने वाले उपचुनाव को लेकर तारीखों की घोषणा हो गई है, 7 विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को वोटिंग होगी और 23 नवंबर को नतीजे आएंगे। चुनाव आयोग ने मंगलवार को उपचुनाव की तारीखों की घोषणा कर दिया है। इस घोषणा के बाद राजस्थान की राजनीति हलचल बढ़ गई है। ऐसे में भाजपा किरोड़ी लाल मीणा के गढ़ यानी दौसा सीट से किसको टिकट देगी या किरोड़ी लाल मीणा एकबार फिर से अपने पसंदीदा उम्मीदवार को मैदान में उतार कर जीत की गारंटी लेंगे। जानिए क्या है पूरा मामला?
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दौसा सीट पर है किरोड़ी बनाम पायलट का प्रभाव
बता दें कांग्रेस विधायक मुरारी लाल मीणा सांसद चुने जाने के बाद उनकी सीट खाली हो गई है। ऐसे में दौसा विधानसभा सीट पर कांग्रेस और बीजेपी की निगाहें टिकी हुई है। बता दें कि यह सीट गुर्जर और मीणा बाहुल्य सीट है। इसी वजह से यहां किरोड़ी लाल मीणा और सचिन पायलट का प्रभाव है। ऐसे में बीजेपी किसको भाजपा का टिकट देगी। जो गुर्जर और मीणा वोट बैंक को अपनी तरफ झुका सकें। हालांकि बीजेपी दौसा उपचुनाव में टिकट देने से पहले किरोड़ी लाल मीणा से सलाह जरूर लेगी या एकबार फिर से किरोड़ी लाल मीणा दौसा उपचुनाव में अपनी पसंदीदा दांवेदार को टिकट दिलाये और दौसा उपचुनाव से जीत की गांरटी लेंगे। बता दें कि लोकसभा चुनाव में किरोड़ी लाल मीणा दौसा बीजेपी उम्मीदवार कन्हैयालाल मीणा की जीत की गांरटी ली थी। लेकिन इस सीट पर पायलट के प्रभाव के चलते कांग्रेस के कंडीडेट मुरारी लाल मीणा को धमाकेदार जीत मिली थी।
बीजेपी इन उम्मीदवार पर खेल सकती है दांव
हांलाकि दौसा से हार के बाद किरोड़ी लाल मीणा ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। लेकिन भजनलाल सरकार ने उनके इस्तीफे को स्वीकार नहीं किया है। ऐसे में किरोड़ी लाल मीणा अबकी बार उपचुनाव में किसपर दांव खेलेंगे, जो बीजेपी को जीत दिला सकें और किरोड़ी लाल मीणा लोकसभा चुनाव में हुई हार का बदला ले सकें। हालांकि दौसा उपचुनाव में बीजेपी की तरफ से टिकट की दौड़ में कई नाम शामिल है। जिनमें सबसे पहला नाम पूर्व विधायक शंकर शर्मा का है, जो हरियाणा ब्राह्मण समाज के पूर्व अध्यक्ष भी रह चुके है। इनके अलावा जगमोहन मीणा, रिटायर्ड आईएएस और नीलम गुर्जर, पूर्व प्रदेश मंत्री भी टिकट की दौड़ में है।
नीलम गुर्जर को मिल सकता है टिकट
ऐसे में जातिगत समीकरण को देखते हुए किरोड़ी लाल मीणा पूर्व प्रदेश मंत्री नीलम गुर्जर पर भी दांव खेल सकते है। जो मीणा समाज सहित गुर्जर, ब्राह्मण आदि वोट बैंक भाजपा के पक्ष में जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो भाजपा दौसा उपचुनाव में अपना परचम लहरा सकती है। हालांकि यह तो वक्त ही बताएंगा कि यहां से कौन बाजी मारता है। लेकिन दौसा उपचुनाव में कांग्रेस को हराना बीजेपी के लिए टेढ़ी खीर है। क्योंकि यह सीट पर मुरारी लाल मीणा और सचिन पायलट का प्रभाव है।
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