Categories: स्थानीय

कब तक सहेगी नारी, कब तक चुप रहेगी नारी

कब तक सहेगी नारी, कब तक चुप रहेगी नारी
महिलाओं की सुरक्षा की बात तो हर सरकार करती हैं, मगर जब बात धरातल की आती है तो सब बातें बेमानी हो जाती हैं। महिलाएं हों या बालिकाएं आज ना अपने घर में सुरक्षित हैं और ना ही समाज में। महिलाओं के लिए कानून तो बहुत बनाए गए लेकिन उन कानूनों की पालना कोई नहीं करता। कानून की पालना करने वाले खुद महिलाओं के साथ अत्याचार को अंजाम दे रहे हैं। 

आखिर कब तक सहेंगी नारी आखिर कब तक चुप रहेगी नारी इन सब अत्याचारों को। इसी विषय पर आज माॅर्निंग न्यूज इंडिया की ओर से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें शहर की जागरूक और प्रबुद्ध महिलाओं ने महिला सुरक्षा और उनपर बढ़ते अपने अत्याचारों पर अपनी राय रखी। कार्यक्रम का संचालन पूनम राठौड ने किया।

हर महिला का आज सबसे पहले यही कहना होता है कि मुझे देवी ना समझो बस औरत होने का सम्मान दो। महिला आज योजनाएं नहीं चाहती सरकार से उन योजनाओं की पालना चाहती है। जिससे बच्चियां और महिलाएं घरों में और बाहर सुरक्षित रह सकें। कहीं भी उनके साथ रेप और मारपीट की घटनाएं न हों। यह सुरक्षा सिर्फ एक राज्य में ही नहीं पूरे देश में होनी चाहिए। बच्चों को शुरू से ही यह सिखाया जाना चाहिए कि बालिकाओं का सम्मान करना जरूरी होता है। इसमें यह जरूरी नहीं कि वो घर की बहनें ही हों बाहर भी हर महिला और बालिका का सम्मान होना जरूरी है। राजस्थान सरकार की ओर से इसके लिए कई कदम भी उठाए गए हैं। जिसमें जो संज्ञान पहले 274 दिनों में होता था वो अब 52 दिनों में लिया जाने लगा है। जिससे अत्याचार पर रोक लग सके। 
संगीता गर्ग, बाल संरक्षण आयोग सदस्य कांग्रेस पार्टी

महिला ने जिस दिन संगठित होकर जवाब देना शुरू कर दिया वहीं उसपर अत्याचार कम हो जाएगा। अब जो समय चल रहा है वह महिला हो या बालिका सबके लिए सबसे बुरा समय चल रहा है। देश के पीएम को समाज और परिवार का कोई ज्ञान नहीं है। जो वे इस बात को समझ सकें। महिलाओं से होने वाले अत्याचारों पर जब तक राजनीति होती रहेगी तब तक उनपर कोई ठोस कदम उठाया जाना संभव नहीं है। दिल्ली में जैसे केजरीवाल सरकार की ओर से कैमरे लगवाए गए हैं, यही नहीं महिलाओं के लिए बसों में मार्शल की व्यवस्था भी की गई है। ऐसा राजस्थान में हो तो वो भी बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है। 
चन्द्रमुखी, आम आदमी पार्टी महिला विंग प्रदेश सचिव  

महिलाओं की गोद में ही संसार रूप लेता है। यदि महिला सुरक्षित नहीं है तो संसार कैसे तरक्की कर सकता है। बीजेपी की ओर से हमेशा महिलाओं की सुरक्षा और समाज में उनके अधिकारों के लिए एक पाॅजिटिव सोच रहती है। देश के लिए ये शर्मनाक है कि मणिपुर में महिलाओं के साथ ऐसा काम हुआ। दुनिया में देश की छविं इससे खराब हुई है। पुरुषों पर गलत काम करने पर आवाज उठाने वाला होना चाहिए। जिससे वे महिलाओं के साथ कोई भी अत्याचार करने से पहले सोचें। हर घर से इसकी शुरुआत होनी चाहिए। इससे समाज में भी बदलाव आएगा। 
सुनीता अग्रवाल, बीजेपी जिला मंत्री

किसी थाने में महिला यदि अपनी परेशानी बताने जाती है तो उसे एफआईआर दर्ज कराने में ही बहुत परेशानी होती है। चुनाव आने से पहले हर सरकार अपनी योजनाओं का पिटारा खोल देती है। जिससे वोट मिल सके। इस सब में महिलाओं की सुरक्षा के लिए जो कदम उठने चााहिए वो नहीं उठाए जाते। सरकार और विपक्ष दोनों को चाहिए कि वो पार्टी की राजनीति से बाहर निकलकर महिलाओं की सुरक्षा के लिए कदम उठाए। यही नहीं मूल रूप से इस बात को भी सोचना जरूरी है कि महिलाओं के साथ अत्याचार और रेप की घटनाएं क्यों बढ़ रही हैं। छोटी बच्ची हो महिला हो या बूढ़ी औरत हो राजस्थान में कोई भी सुरक्षित नहीं है। यह मनोविज्ञान से जुड़ी परेशानी है। इसके लिए हर विभाग और स्कूल, काॅलेजों में मनोवैज्ञानिक सलाहकार की नियुक्ति होना जरूरी है। 
संगीता राजा, पालनहार फाउंडेशन फाउंडर

भारत में शिक्षा की कमी आज भी है जो इस अत्याचार और उसके लिए आवाज न उठने का कारण है। अब सबसे पहले जरूरी है कि शिक्षा की कमी को दूर किया जाए। नशा हो 
या टीवी में आने वाले एड इन सबको बढ़ावा दे रहे हैं। इनपर भी अश्लील सामग्री को दिखाने पर पाबंदी होनी चाहिए। बच्चों के लिए स्कूलों में भी सुरक्षा कार्यक्रम चलाए जाने चाहिए। जहां उन्हें कानूनों की जानकारी दी जाए। जिससे बालिकाओं को किसी परेशानी में अपने अधिकारों की जानकारी हो। जिन स्थानों पर महिलाओं का आनाजाना ज्यादा होता है। वहां पर सीसीटीवी कैमरों की निगरानी हो। वहीं महिला सुरक्षा के लिए महिला विंग भी बनाई जाए। जिससे महिलाएं और बालिकाएं अपनी परेशानी आसानी से शेयर कर सकें। 
अनुपमा चतुर्वेदी, अधिवक्ता

महिला सुरक्षा की शुरुआत हर घर से हो तो सबसे ज्यादा फायदा होगा। कोई भी बदलाव यदि घर से हो तो वो ज्यादा कारगर होता है। इसके लिए कानून धरातल पर होने से समाज को फायदा होगा। बालिकाएं हों या महिलाएं जिनके साथ अत्याचार होता है, उन्हें ही इसकी पीड़ा भुगतनी पड़ती है। जब तक दुष्कर्म और छेड़छाड़ जैसे अपराधों को अंजाम देने वालों के लिए सख्त कानून नहीं बनाए जाते तब तक इन्हें रोकना संभव नहीं है। राजस्थान में महिला अत्याचार बढ़ रहा है जो बहुत खतरनाक है। सरकार इन्हें रोकने में कामयाब नहीं हो पा रही है। 
अमीता शर्मा, बीजेपी पूर्व मण्डल अध्यक्ष
 

Ambika Sharma

Recent Posts

सुबोध महिला महाविद्यालय में हुआ हिंदी पखवाड़ा समारोह का आयोजन

Subodh girls college hindi pakhwada: सुबोध पी.जी. महिला महाविद्यालय में हिंदी पखवाड़े के अंतर्गत कार्यक्रम…

11 घंटे ago

ECGC में ग्रेजुएट्स के लिए निकली भर्ती, भारत सरकार देगी नौकरी

ECGC PO Recruitment 2024: भारत सरकार की ओर से ईसीजीसी में पीओ की भर्तियां निकाली…

12 घंटे ago

फंगस और रंगों का तड़का, वीनस इंडियन ढाबा एंड रेस्टोरेंट में खाना खतरनाक

Food Safety Department Raid: चटख लाल तड़के वाली मलाई कोफ्ता हो या कोई और रेस्टोरेंट…

13 घंटे ago

राजस्थान में लगे पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे, भीलवाड़ा में बिगड़ा माहौल

Pakistan zindabad in bhilwara Rajasthan: राजस्थान में आपत्तिजनक नारों से एक बार फिर माहौल बिगड़…

15 घंटे ago

SDM Priyanka Bishnoi की मौत की गहरी साजिश से उठा पर्दा, बिश्नोई समाज में आक्रोश

SDM Priyanka Bishnoi Death : राजस्थान की मशहूर RAS अधिकारी SDM प्रियंका बिश्नोई जिंदगी की…

15 घंटे ago

अशोक गहलोत से मेवाराम जैन की मुलाकात पर मचा बवाल! Ashok Gehlot | Mewaram Jain | Amin Khan | Harish Choudhary

Mewaram Jain meets Ashok Gehlot : जयपुर। सीडी कांड के बाद मुंह छिपाने को मजबूर…

15 घंटे ago