Bhagwan Kalki Hathiyar: सतयुग, त्रेता और द्वापर युग के बाद अब कलयुग का अंत भी बेहद नजदीक हैं। हर युग में पाप का सर्वनाश करने के लिए भगवान विष्णु ने जन्म लिया था। शास्त्रों और कथाओं में बताया जाता है कि, कलयुग के अंत के समय में प्रभु विष्णु अपने 10वें अवतार में जन्म लेंगे। इस अवतार को विश्व में कल्कि अवतार के नाम से जाना जाएगा। भारत समेत दुनियाभर में आज भी भगवान विष्णु के भावी कल्कि अवतार से जुड़े मंदिर हैं।
100 सिखों का अवतार होंगे कल्कि
सिख गुरु गुरु गोविंद सिंह (Sikh Guru Guru Govind Singh) ने भी भावी कल्कि अवतार (Kalki Avtar) और उनकी शक्ति को स्वीकार किया हैं। इसके बारे में गुरु गोविन्द सिंह ने दशम ग्रंथ में कहा है कि, भगवान विष्णु का दशम अवतार (Bhagwan Vishnu Avtar Kalki) कल्कि अवतार 100 सिखों का अवतार होंगे। वे कहते है कि, कल्कि भगवान कलयुग की समाप्ति पर श्वेत घोड़े पर सवार होकर पापियों और दुष्टों का संहार करने आएंगे। पुराणों के मुताबिक, कल्कि अवतार में भगवान विष्णु दो तलवार का इस्तेमाल करेंगे। कल्कि का प्राथमिक हथियार रंता मारू होगा, जो शिव का हथियार है।
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हर साल बनाते हैं कल्कि जयंती
पौराणिक व सिख ग्रंथों में कल्कि अवतार का उल्लेख प्रमुखता से हुआ हैं। सावन महीने की शुक्ल पक्ष पंचमी पर भगवान कल्कि की जयंती प्रतिवर्ष देशभर में मनाई जाती हैं। भगवान विष्णु के सतयुग, त्रेतायुग और द्वापर युग में अब तक मत्स्य, कूर्म, वराह, नरसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण और बुद्ध कुल नौ अवतार हो चुके है। ऐसे में विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार कल्कि के रूप में कलयुग (Kalki Avtar News in Hindi) में अवतरित होगा।
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कई जगह बन गए कल्कि मंदिर!
भगवान कल्कि के इस धरा पर अवतरण होने का इंतजार अभी चल रहा है। पुराणों में कल्कि अवतार के कलियुग के अंतिम चरण में आने की भविष्यवाणी की गई हैं। लेकिन अभी कलयुग का प्रथम चरण ही चल रहा है। अभी अंतिम चरण में समय हैं, लेकिन भावी कल्कि अवतार के लिए पूजा-पाठ और कर्मकांड धरती पर शुरू कर दिए गए हैं। भावी कल्कि अवतार के कथा, पुराण और जयंती पर्व तक प्रचलन में आ गए हैं। कल्कि मंदिर भी कई जगह बन गए हैं।