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सावन में ये खाया तो भोले बाबा का खुल जाता है तीसरा नेत्र, वैज्ञानिक भी मानते हैं 

सावन का महीना भगवान शिव का प्रिय माना जाता है। इस महीने में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से मनचाहा वर मिलता है। इस माह के लिए कुछ नियम और विधि विधान भी बनाए गए हैं। जिन्हें अपनाकर भोले बाबा को खुश किया जा सकता है। यही नहीं अपने मन की मुराद भी पूरी की जा सकती है।सावन में खाने में भी कई चीजों का परहेज करने के लिए कहा जाता है। जिन्हें न खाने से नियमों की तो पालना होती ही है साथ में स्वास्थ्य भी सही रहता है। 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन में कई सब्जियों को खाने से मना किया जाता है। जिन्हें खाने से भगवान भोले नाथ के क्रोध का सामना करना पड़ता है।

आइए जानते हैं कि वो कौनसी सब्जियां हैं जिन्हें खाना सावन में मना किया जाता है और क्यों 

हरा साग 
सावन मास में हरा साग खाने से मना किया जाता है। मान्यता है इस समय भगवान भोलेनाथ वन में माता पार्वती के साथ भ्रमण करते हैं, क्योंकि उन्हें हरियाली से विशेष प्रेम है। इसलिए हरा साग खाने से मना किया जाता है। वहीं वैज्ञानिकों की मानें तो सावन में हरा साग खाने से पित्त की समस्या होती है। इस समय साग में पित्त बढ़ाने वाले तत्व बढ़े हुए रहते हैं। जिससे खाना पचने की समस्या होती है। यही नहीं हरे पत्तों में कीड़े भी इस मौसम में बहुत ज्यादा आते हैं। जो पूरी तरह साफ नहीं हो पाते और खाने में जाने से सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं। 

दूध-दही 
सावन में दूध और दही का सेवन नहीं करना चाहिए। धर्म के अनुसार देखें तो यह भगवान को अर्पण किया जाता है। शिवजी को दूध, दही से बना पंचामृत अर्पित किया जाता है। इसलिए इसे खाना शुभ नहीं माना जाता। वहीं विज्ञान के अनुसार देखें तो दूध गाय-भैस से मिलता है और ये जानवर हरा चारा खाते हैं। बारिश के कारण इस चारे के साथ कई सारे कीट पतंगे भी वे खा जाते हैं। जिसका असर उनके दूध पर भी होता है। इस दूध या उससे बने पदार्थों का सेवन करने से पेट की बीमारियां होने का खतरा रहता है। 

बैंगन
भगवान शिव को सावन में बैंगन चढ़ाना हितकर मानते हैं। माना जाता है यह भगवान का प्रिय है। इसलिए कई लोग पूरे सावन बैंगन का परहेज भी करते हैं। वहीं वैज्ञानिकों की मानें तो बैंगन में बारिश के मौसम में कीड़े लग जाते हैं। जो खाने के साथ शरीर में जाने का खतरा रहता है। इनके खाने के साथ सेवन से फूड प्वाइजनिंग का डर रहता है। 

प्याज-लहसुन
पूजा के समय मन में अच्छे भावों का होना बहुत महत्वपूण होता है। इसलिए हल्का भोजन करने से पूजा में भी लम्बा समय दिया जा सकता है। वहीं भारी और तला भुना भोजन पचने में समय लेता है और शरीर में गर्मी भी पैदा करता है। लहसुन जहां शरीर में गर्मी पैदा करता है वहीं प्याज में थोड़े समय में ही बैक्टीरियां पनपने की बात वैज्ञानिक भी कहते है। इसलिए इन दोनों चीजों से सावन में दूर रहने को कहा जाता है। 

नाॅनवेज 
सावन माह में नाॅनवेज का सेवन नहीं करना चाहिए। इस माह में पूजा पाठ का महत्व होता है। इसलिए नाॅनवेज से दूर रहने को कहा जाता है। दूसरी ओर नाॅनवेज पचने में काफी समय लेता है। वहीं सावन में पाचन काफी धीमा रहता है। इसलिए भी इसे खाने से मना किया जाता है। 
 

Ambika Sharma

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