धर्म

Cheti Chand 2024: क्यों मनाते हैं चेटीचंड? जानें इसका महत्त्व, पूजा विधि और शुभ तिथि और मुहूर्त

Cheti Chand 2024: हिंदू धर्म कई विविधताओं से सजा हुआ हैं, उन्हीं में से एक है सिंधी समाज। सिंधी हिन्दुओं (Sindhi Samaj)का साल में एक सबसे बड़ा पर्व होता है, जिसे हम ‘चेटीचंड’ के नाम से जानते हैं। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष में चंद्र दर्शन की तिथि को ही इस पर्व को मनाया जाता हैं। चेटीचंड का मतलब ही है, चैत्र का चांद। सिंधी पंचांग के मुताबिक, अमावस्या यानी ‘चांद’ से हर नया महीना शुरू होता हैं। यही वजह हैं कि, इस पर्व को चेटीचंड नाम दिया गया है।

चेटीचंड के दिन ही सिंधी नववर्ष की शुरुआत होती है। इस दिवस को वरूणावतार स्वामी झूलेलाल के प्रकाट्य दिवस और समुद्र पूजा के रूप में सेलिब्रेट किया जाता हैं। इस दिन सिंधी समुदाय के लोग झूलेलाल मंदिरों में जाकर प्रभु के दर्शन करते हैं और श्रद्धा भाव से उनकी पूजा करते हैं।

झूलेलाल का जन्म कहां हुआ था?

बताते है कि, भगवान झूलेलाल का जन्म विक्रमी संवत् 1007 में चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को नसरपुर गांव में हुआ था। माना जाता है कि, नदी देवता ने लोगों से कहा था कि, नसरपुर में एक दिव्य बच्चे का जन्म होगा जिसे संत झूलेलाल के नाम से पहचाना जाएगा। देवता के मुताबिक, वही दिव्य बालक उन्हें अत्याचारों से बचाएगा। झूलेलाल को वेदों में वर्णित जल-देवता यानी वरुण का अवतार माना गया हैं। सिंधी समाज जबरन धर्मांतरण से बचाने के लिए जल देवता से प्रार्थना कर चेटी चंद मनाते हैं। सिंधी समाज वरुण देव को सागर के देवता, सत्य के रक्षक और दिव्य दृष्टि वाले देवता के रूप में भी पूजता है।

झूलेलाल किसका अवतार है?

झूलेलाल को वरुण यानी जल देवता का अवतार माना गया हैं। झूलेलाल नदी के बीच में कमल के फूल पर विराजमान हैं। चांदी की मछलियों के जोड़े से घिरे हुए हैं। झूलेलाल भगवान का जिक्र किसी हिंदू पुराण में नहीं किया गया है, बल्कि इन्हें मान्यताओं के आधार पर पूज्यनीय माना गया हैं।

यह भी पढ़े: Holi 2024: अंगारों से लेकर पत्थर मारने तक, होली खेलने के 5 अलग-अलग अंदाज

झूलेलाल की पूजा कैसे की जाती है?

चेटीचंड के दिन सिंधी हिन्दू लोग लकड़ी से मंदिर का निर्माण करते हैं। मंदिर में एक लोटे से जल और ज्योति प्रज्वलित करते हैं, जिसे बहिराणा साहिब कहते है। इस दिन सिंधी समाज के लोग भगवान झूलेलाल (Bhagwan Jhulelal) की मूर्ति पूजा करते हैं। पूजा के दौरान जयघोष करते हुए कहते हैं- ‘चेटीचंड जूं लख-लख वाधायूं।’ इसके अलावा चेटीचंड के दिन सिंधी समाज के लोग तालाब या नदी के किनारे दीपक जला कर जल देवता वरुण की पूजा करते हैं।

चेटीचंड 2024 तिथि और शुभ मुहूर्त

चेटीचंड इस वर्ष सिंधी नव वर्ष निम्न तिथि और मुहूर्त के अनुसार मनाया जाएगा। सिंधी पंचांग के अनुसार चेटीचंड इस वर्ष मंगलवार, 9 अप्रैल 2024 को मनाया जाएगा। यह पर्व सायं 06:32 बजे से सायं 07:08 बजे तक शुभ मुहूर्त में मनाया जाएगा। करीब 12 घंटे 36 मिनट तक की अवधि इस पर्व के लिए होगी। चेटीचंड पर 08 अप्रैल, 2024 को रात्रि 11:50 बजे से प्रतिपदा तिथि शुरुआत हैं और 09 अप्रैल, 2024 को रात्रि 08:30 बजे प्रतिपदा तिथि समाप्ति होगी।

चेटीचंड पर सेलिब्रेशन का तरीका

इस दिन सिंधी समुदाय के लोग विभिन्न तरह के अनुष्ठान करते हैं। लगातार चालीस दिनों तक प्रार्थना करते हैं, जिसे चालिहो के नाम से जाना जाता है। इसके बाद चेटीचंड का भव्य उत्सव मनाया जाता हैं। कई लोग चेटीचंड के दिन उपवास भी रखते हैं और फलों को ग्रहण कर अपना व्रत खत्म करते हैं।

यह भी पढ़े: Holi 2024: कब हैं होली? जानें तारीख, पूजा मुहूर्त और विधि के बारे में पूरी जानकारी

चेटीचंड अनुष्ठान का तरीका-

बेहराना साहिब भेंट में तेल का दीया, इलायची, चीनी, फल और अखो रखा जाता है। इसके बाद इसे झील या नदी में ले जाते हैं। इसमें भगवान झूलेलाल की मूर्ति भी होती हैं। इसके अलावा गेंहू के आटे का दीपक बनाया जाता है और इसमें पांच बाती वाली बत्ती जलाते हैं, जिसे ज्योति जगन भी कहते हैं। इसके बाद बेहराना साहिब को पानी में विसर्जित कर पल्लव गाएं जाते हैं और प्रसाद बांटे जाते हैं। इस दिन गरीबों को भोजन तथा कपड़े देने जैसे पुण्य कार्य करते हैं। भगवान झूलेलाल की पूजा करने के बाद, सिंधी समाज के लोग नाटक, नृत्य, संगीत के माध्यम से अपनी समृद्ध संस्कृति का भव्य प्रदर्शन भी करते हैं।

Aakash Agarawal

Recent Posts

Naresh Meena का होगा देवली-उनियारा से राजतिलक, प्रदेशभर में मनाया जाएगा जीत का जश्न

Naresh Meena News : जयपुर। राजस्थान उपचुनाव की मतगणना शनिवार सुबह 8 बजे थ्री लेयर…

44 मिन ago

Naresh Meena की 1 लाख वोटों से जीत तय! रिहाई को लेकर आई बड़ी अपटेड

Naresh Meena News : जयपुर। राजस्थान में 7 विधानसभा सीटों पर हुए उप चुनाव का…

2 घंटे ago

नेवटा में खाद्य सुरक्षा विभाग की बड़ी कार्रवाई, गंदगी वाली जगह भरा जा रहा था बोतल बंद पानी

Jaipur News : जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (CM Bhajanlal Sharma) के निर्देश पर…

21 घंटे ago

प्रद्युमन कुमार और वरिष्ठ नेता बराड़ का निधन संगठन- भाजपा परिवार के लिए अपूरणीय क्षति : Madan Rathore

Madan Rathore News : जयपुर। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ (Madan Rathore) आज (गुरूवार) श्रीगंगानगर…

22 घंटे ago

पानी सिर से ऊपर निकला… तो अपनी ही सास की सास बनी जयपुर की शुभी शर्मा!

जयपुर। Sas Ki Sas Banungi Main : राजस्थान की राजधानी जयपुर अपनी कई खूबियों की…

23 घंटे ago

Kirodi Meena ने पहना दोगलेपन का लिबास मुंह में राम बगल में छुरी, हो गया बड़ा खुलासा!

Kirodi Meena News : राजस्थान में जहां एक ओर उपचुनावों के नतीजे आने वाले हैं।…

23 घंटे ago