Devshayani Ekadashi 2024: देवशयनी एकादशी आषाढ़ माह के शुक्लपक्ष में मनाई जाती है। इस वर्ष एकादशी तिथि की शुरुआत 16 जुलाई की रात 08:33 मिनट पर होगी। वहीं इसका समापन 17 जुलाई की रात 09:02 मिनट पर होगा। उदयातिथि को देखते हुए 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी व्रत (Devshayani Ekadashi Vrat) रखा जाएगा। इसका पारण समय 18 जुलाई की सुबह 5 बजकर 34 मिनट से 8 बजकर 19 मिनट तक का रहेगा।
देवशयनी एकादशी के दिन श्री हरि भगवान विष्णु अगले 4 महीनों के लिए योग निद्रा में लीन हो जाते है। इस अवधि में कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य करने की मनाही होती है। इस एकादशी पर विधिवत श्रीहरि विष्णु की पूजा करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है। लेकिन इस दिन कुछ ऐसे कार्य भी है, जिन्हें करना गलत माना गया है। ऐसा ही एक कार्य है ब्रह्मचर्य व्रत का पालन। देवशयनी एकादशी के दिन स्त्रीसंग संभोग करना वर्जित है। जानें इसके पीछे की वजह –
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हिंदू धर्म शास्त्रों में एकादशी तिथि को विशेष माना गया है। यदि इस दिन पूरी आस्था और शुद्ध विकारों के साथ श्री हरि से पूजा के दौरान कुछ मांगा जाए तो वह अवश्य प्राप्त होता है, इस तरह की मान्यता है। यही वजह है कि एकादशी के दिन स्त्रीसंग संभोग करना वर्जित माना गया है। यदि आप ऐसा करते है तो मन में अशुद्ध विकार उत्पन्न होते है। इस तरह के विकार मन में आने से प्रभु भक्ति से ध्यान भटकने लगता है और पूजा का शुभ फल नहीं मिल पाता है।
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