Ganesh Chaturthi 2024 : गणेश चतुर्थी का त्योहार हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करना बहुत ही फलदायक माना जाता है। ऐसे में जातक गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2024) के विशेष अवसर पर बप्पा की पूजा-अर्जना द्वारा उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं। गणेश चतुर्थी को “विनायक चतुर्थी” के नाम से भी जाना जाता है। यह हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है जो भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। इसे गणेश जयंती या गणेश उत्सव भी कहा जाता है।
भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 06 सितंबर 2024 को दोपहर 03 बजकर 02 मिनट पर हो रही है और यह तिथि 07 सितंबर को शाम 05 बजकर 38 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि को आधार मानते हुए गणेश चतुर्थी का त्योहार इस वर्ष 07 सितंबर को मनाया जाएगा।
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जानिए कब है गणेश चतुर्थी तिथि?
भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 06 सितंबर 2024 को दोपहर 03 बजकर 02 मिनट पर हो रही है और यह तिथि 07 सितंबर को शाम 05 बजकर 38 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि को आधार मानते हुए गणेश चतुर्थी का त्योहार इस वर्ष 07 सितंबर को मनाया जाएगा।
जानिए गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, 7 सितंबर 2024 को गणेश चतुर्थी की पूजा और मूर्ति स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 2 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 33 मिनट तक रहेगा। इस अवधि के बीच आप गणेश मूर्ति की स्थापना कर सकते हैं।
गणेश मूर्ति स्थापना करते समय इन बातों का रखें ध्यान
भगवान गणेश की मिट्टी की मूर्ति स्थापित करें। गणेश जी की मूर्ति की सूंड दाईं ओर होनी चाहिए, और मूर्ति में मूषक (चूहा) भी होना चाहिए। गणेश जी की प्रतिमा को बैठने वाली मुद्रा में होना चाहिए। गणेश जी की प्रतिमा को घर की उत्तर दिशा या ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में स्थापित करें।
ऐसे करें भगवान गणेश की पूजा
गणेश चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर गणपति बप्पा को प्रणाम करें और स्नान आदि से निवृत होकर मंदिर में अच्छे से साफ-सफाई कर लें। इसके बाद गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें और उन्हें पंचामृत से स्नान कराएं। भगवान गणेश को पूजा के दौरान जनेऊ, चंदन, दूर्वा, धूप, अक्षत, दीप, पीले पुष्प और फल आदि अर्पित करें। पूजा के दौरान उन्हें 21 दूर्वा जरूर चढ़ाएं। दूर्वा चढ़ाते समय ‘श्री गणेशाय नमः दूर्वांकुरान् समर्पयामि’ मंत्र का जाप करें। पूजा खत्म होने के बाद सभी सदस्यों के साथ मिलकर गणेश जी की आरती करें और प्रसाद बांटें।
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