धर्म

साल 2055 में सामने प्रकट हो जाएंगे ‘हनुमान जी’! ‘मातंग’ का होश उड़ा देने वाला सच पढ़े

Hanuman Jayanti 2024: हनुमान जन्मोत्सव 23 अप्रैल 2024 मंगलवार को है। इस दिन पूर्णिमा तिथि रहेगी। इस बार हनुमान जयंती ख़ास इसलिए भी मानी जा रही है, क्योंकि यह मंगलवार के दिन पड़ रही है। दरअसल, धर्म शास्त्रों में हनुमान जी के जन्म का दिवस ‘मंगलवार’ ही बताया गया है। प्रभु श्री राम द्वारा हनुमान जी को चिरंजीवी होने का वरदान प्राप्त है, जिसके वजह से वह आज इस कलयुग में भी विचरण करते है और प्रभु के ध्यान में मग्न रहते है।

बताया जाता है कि, इस कलयुग में जब पापों की अति हो जायेगी यानी पाप की संख्या पुण्य के मुकाबले अधिक होगी, तो प्रभु विष्णु कल्कि अवतार में अवतरित होंगे। इस दौरान हनुमान जी भी अपने अदृश्य रूप को त्याग कर सार्वजनिक तौर पर सामने आ जाएंगे और कल्कि भगवान् का साथ देंगे। हनुमान जी के इस कलयुग में विचरण करने के कई साक्ष्य मौजूद है, उन्हीं में से एक है, श्रीलंका के आदिवासियों से हर 41 साल में हनुमान जी का मिलने आना।

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‘मातंग’ लोगों से मिलने आये थे हनुमान जी

हम इस बात की पुष्टि तो नहीं करते लेकिन कई वेबसाइट पर छपी जानकारी के मुताबिक, इस कलयुग में आज भी हनुमान जी अपने कुछ खास लोगों से मिलने आते है। उनके मिलने का अंतराल 41 वर्ष का होता है। जिन लोगों से बजरंग बली मिलने आते है, वे लोग श्रीलंका के जंगलों में प्राचीनकाल से रह रहे हैं। ये आदिवासी लोग है, जिन्हें कबीलाई अथवा ‘मातंग’ भी कहते है। इन कबीलाई लोगों पर अध्ययन करने वाले आध्यात्मिक संगठन ‘सेतु’ ने भी इस बात की पुष्टि की है। ‘सेतु’ के अनुसार कुछ वर्ष पूर्व ही हनुमानजी इन कबीलाई लोगों से मिलने आए थे। इसके बाद अब बजरंग बाली 41 साल बाद फिरसे यही आएंगे।

वेबसाइट सेतु एशिया के दावे के मुताबिक, 27 मई 2014 को हनुमानजी श्रीलंका में मातंग आदिवासियों के साथ ही थे। सेतु के अनुसार, कबीले का इतिहास रामायणकाल से जुड़ा हुआ है। बताया गया है कि, प्रभु श्री राम के स्वर्ग चले जाने के बाद हनुमानजी दक्षिण भारत के जंगलों में लौट गए थे। इसके बाद वे समुद्र पार कर श्रीलंका के जंगलों में निवास करने लगे। इस दौरान श्रीलंका के जंगलों में पवनपुत्र हनुमान जी की सेवा वहां के कबीलाई लोगों ने मन से की थी।

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किताब में दर्ज है हनुमान जी संग बातचीत

कहते है, हनुमान जी ने कबीलाई लोगों की सेवा से प्रसन्न होकर उनसे वादा किया कि, वे हर 41 साल बाद कबीले की पीढ़ियों को ब्रह्मज्ञान देने अवश्य आया करेंगे। सबसे ख़ास बात यह है कि, कबीले का मुखिया हनुमानजी के साथ की बातचीत को एक लॉग बुक में दर्ज करता है। सेतु संगठन इसी लॉग बुक के अध्यन के आधार पर जानकारी प्रकाशित करने का दावा भी करता है। “जो जपता है नाम हनुमान, होते सब दिन एक समान” !! जय श्री हनुमान !!

Aakash Agarawal

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