Islam me Humbistari : इस्लाम में हर चीज का एक तरीका है। कोई भी काम चाहे वो कितने ही छोटे लेवल का हो उसका एक उसूल और अदब होता है। बात अगर हमबिस्तरी की हो (Islam me Humbistari) इस्लाम में इसका भी एक नबवी तरीका है। हम आपको हमबिस्तरी का सुन्नत तरीका (Islam me Humbistari ka Sunnat Tarika) बताने जा रहे हैं। ताकि इस अमल को भी आप सवाब कमाने का जरिया बना सके। कई युवा मुस्लिम हमबिस्तरी का तरीका मालूम न होने के कारण वहशी बन जाते हैं। इस पोस्ट को शादीशुदा मुस्लिम ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि कोई एक बंदा भी अगर इस्लामी तरीके से सोहबत (Islam me Sohbat) करने लग गया तो आपकी आखिरत संवर जाएगी। अल्लाह हमें नबी के तरीके पर चलने की तौफीक अता फरमाएं। आमीन
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इस्लाम में हमबिस्तरी का सही तरीका क्या है
(Islam me Humbistari ka Sunnat Tarika)
इस्लाम में हमबिस्तरी (Islam me Humbistari) सुन्नत तरीके से करने का हुक्म है। बेहतर और सुन्नत तरीक़ा यह है कि बीवी से सोहबत मुबाशरत जिमाअ (संभोग करने से पहले) मीठी मीठी प्यार व मुहब्बत भरी बातें करें और एक दूसरे के नरम व नाज़ुक अंगों को छुएं और इंटरकोर्स करते रहे। जब तक के बीवी के भीतर वासना चरम पर नहीं पहुंच जाएं। और वह खुद हमबिस्तरी के लिए आमादा ना हो जाए। मर्द ख़ुद बेचैन व बेक़रार होकर जल्दबाज़ी न करे बल्कि अपने आप पर पूरा इत्मिनान रखे। कई नादान मुस्लिम जानवरों की तरह डायरेक्ट शुरू हो जाते हैं ऐसा नहीं होना चाहिए। नबी का फरमान है कि हमबिस्तरी मुबाशिरत (Islam me Humbistari ka Sunnat Tarika) के दौरान मर्द और औरत कोई चादर वग़ैरह ओढ़ लें जानवरों की तरह नंगे बदन सोहबत ना करें।
हदीस में हमबिस्तरी के बारे में क्या लिखा है ?
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया है कि
“मर्द को चाहिए कि अपनी औरत पर जानवरों की तरह ना करे सोहबत से पहले क़ासिद होता है साहबा ने अर्ज़ किया या रसूलल्लाह वह क़ासिद क्या है इरशाद फ़रमाया वह बोस किनार और मुहब्बत आमेज़ गुफ़्तगू (प्यार भरी बातें) वगै़रह हैं”
संदर्भ – कीमिया ए सआदत, सफ़ह 266
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हमबिस्तरी के उसूलों आदाब
(Islam me Humbistari ka Tariqa)
इस बात का हमेशा ख्याल रखें के जब भी बीवी से हमबिस्तरी का इरादा हो तो यह मालूम कर लें कि कहीं औरत हैज़ यानी पीरियड (Islam me Period) से तो नहीं है, चुनाचे औरत से साफ-साफ पूछ ले और औरत की भी जिम्मेदारी है कि अगर वह मासिक धर्म में हो तो बेझिझक अपने शौहर को उससे आगाह करे अगर औरत हालते हैज़ में हो तो हरगिज़ हरगिज़ मुबाशरत ना करे के उन अय्याम (दिनों) में मुबाशरत करना बहुत बड़ा गुनाह है। अल्लाह हमें इस्लामी तरीके से हमबिस्तरी (Islam me Humbistari) करने की तौफीक अता फरमाएँ। खासकर युवा मुस्लिमों और औरतों के बीच में ये पोस्ट जमकर शेयर करें।
इस्लाम में हमबिस्तरी करने की दुआ
❝बिस्मिल्लाही अल्लाहुम्मा जन्निबनश-शैताना वा जन्नीबिश-शैताना मा रज़कताना❞
हिंदी अर्थ – अल्लाह के नाम से शुरू करता हूँ, अए अल्लाह! हमसे शैतान को दूर रख और जो कुछ हमे तू (औलाद) दे उस से भी शैतान को दूर रख।
English Translation: In the name of Allah. O Allah, keep the devil away from us and keep the devil away from what you have blessed us with.
[सहीह बुखारी #3271]
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हदीस: रसुलअल्लाह (ﷺ) ने फ़रमाया: “जब कोई शख्स अपनी बीवी के पास आता है (यानी हमबिस्तरी का ईरादा करता है) और ये दुआ पढ़ता है फिर अगर उनके यहा बच्चा पैदा होता है तो शैतान उसे कोई नुक़सान नही पहुंचा सकता।”