Rajasthan Holi 2024: रंगो और फूलों की होली आपने जरूर खेली होगी। लेकिन यहां हम आपको तोप, तलवार, बारूद, बंदूक से खेली जाने वाली होली के बारे में बता रहे है। यह होली राजस्थान के उदयपुर से करीब 50 किलोमीटर दूर मेनार गांव में खेली जाती है। होली खेलने का यह भी एक अनोखा अंदाज है। मेनार गांव में धुलेंडी के दूसरे दिन बारूदी होली खेली जाती है। इस अनोखी होली में ग्रामीण आमने-सामने खड़े होकर बंदूकों से हवाई फायर करते हैं।
मेनार की यह बारूदी होली, दिवाली जश्न की तरह होती है। इस अनोखी होली में लोग खुले आसमान में तोप छोड़ते हैं और तलवारें लहराते हैं। आसपास के गांव के लोग भी इस बारूदी होली का आनंद लेने के लिए मेनार गांव में इकट्ठे होते है। आज तक कभी भी इस अनोखी होली में जान-माल के नुकसान की कोई जानकारी स्पष्ट नहीं है। गांव के लोग बताते है कि, महाराणा प्रताप के पिता उदय सिंह के समय से करीब 450 सालों से यह अनोखी होली खेली जा रही है।
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रात में होती है बारूदों की होली
बताया जाता है कि, महाराणा प्रताप के पिता उदय सिंह ने अपने समय में मेवाड़ पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए मेनारिया ब्राह्मणों के साथ से लड़ाई की थी। यह लड़ाई रात्रि में लड़ी गई थी। इस लड़ाई में मेनारिया ब्राह्मणों ने दुश्मनों को मौत के घाट उतार दिया था। उसी समय के बाद से मेनारिया गांव के लोग रात में बारूदों की होली मनाते आ रहे हैं। रंगों की जगह यहां तलवारें और बंदूक दिखाई देती है। होली का यह जश्न अपने-आप में भी अनोखा है।