जयपुर। अमावस्या को आने वाला सूर्यग्रहण इस बार साल में दूसरी बार आने वाला है। 14 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण होगा लेकिन यह भारत में नहीं बल्कि अमेरिका में होगा। फिर भी भारत के लिए यह सूर्यग्रहण महत्वूर्ण माना जा रहा है। नासा से मिली जानकारी के मुताबिक श्राद्ध पक्ष की अमावस्या को होने वाला यह सूर्यग्रहण रिंग ऑफ फायर वाला होगा। इसे अमेरिका में उत्तरी, साउथ और सेंट्रल अमेरिका में देखा जा सकेगा। यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा।
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12 घंटे पहले लगेगा सूतक
भारत में ग्रहण को धार्मिक दृष्टि से देखा जाता है। जैसा कि ग्रहण के समय को भारत में सूतक काल माना जाता है इस बार भी सूर्यग्रहण के समय 12 घंटे पहले से सूतक लग जाएगा। ज्योतिषों के अनुसार सूतक काल में खाना-पीना वर्जित होता है साथ ही गर्भवती स्त्रियों को बाहर निकलने पर मनाही होती है। 14 अक्टूबर को ग्रहण रात 8.34 बजे से शुरू होकर रात 2.35 बजे समाप्त होगा।
क्या है 'रिंग ऑफ फायर'
दरअसल नासा ने 14 अक्टूबर को होने वाले सूर्यग्रहण को 'रिंग ऑफ फायर' कहा है। इसके पीछे का कारण यह है कि इस सूर्य ग्रहण में चंद्रमा सूर्य को केंद्र से ढक लेगा, जिससे सूर्य का किनारे का गोलाकर कुछ भाग दिखेगा। इसी को नासा ने 'रिंग ऑफ फायर' का नाम दिया है। यह पूर्ण सूर्य ग्रहण अमेरिका से मेक्सिको गल्फ तक दिखेगा। इस दिन मौसम साफ होने के कारण ग्रहण आसानी से दिखाई देगा।
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