जयपुर। अयोध्या राम मंदिर के दरवाजों के निर्माण के लिए महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले से सागौन की लकड़ी भेजी जा रही है। राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र के मंदिर का महाद्वार, गर्भगृह का दरवाजा और बाकी दरवाजों के लिए लकड़ी चंद्रपुर के जंगलों से ही भेजी जा रही है। इसको लेकर महाराष्ट्र के वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने बताया कि मंदिर के लिए लकड़ी रवाना करने के लिए चंद्रपुर में शानदार आयोजन किया जा रहा है। दिनभर चलने वाले कष्ठ पूजन के बाद रथों से शोभायात्रा निकालकर लकड़ियां अयोध्या के लिए रवाना की जाएंगी। उन्होंने बताया कि मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने देहरादून के फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट से राय ली, तो उन्हें चंद्रपुर की साग की लकड़ी सबसे अच्छी बताई गई।
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वैज्ञानिकों ने साबित की सर्वश्रेष्ठ लकड़ी
महाराष्ट्र से लकड़ी के नमूने चंद्रपुर के फॉरेस्ट डिवलेपमेंट कॉर्पोरेशन से भिजवाए गए। मंदिर निर्माण से जुड़ी लार्सन टूब्रो कंपनी ने लकड़ी श्रेष्ठ होने की अनुशंसा की है। मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने मंत्री मुनगंटीवार, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का लकड़ी के इंतजाम के लिए आभार माना है।
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कार्यक्रम में 2100 कलाकार शामिल
इस कार्यक्रम में सिंगर कैलाश खेर के अलावा, 2100 कलाकारों को 43 तरह के लोकनृत्यों के लिए बुलाया गया है। योगगुरु रामदेव, सद्गुरु जग्गी वासुदेव, श्रीश्री रविशंकर, अभिनेता अरुण गोविल सहित कई फिल्मी हस्तियां मौजूद रहेंगी।
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राम मंदिर के 166 खंभों पूरा हुआ निर्माण
अब राम मंदिर का निर्माण कार्य और तेज कर दिया गया है। मंदिर ट्रस्ट का लक्ष्य है कि इसके भूतल का काम हर हाल में अक्टूबर 2023 तक पूरा कर लिया जाना चाहिए। इसी के चलते राम मंदिर के 166 खंभों का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। अब बीम रखने का काम शुरू किया जा रहा। उसके बाद छत का निर्माण किया जाएगा। सभी बीम खूबसूरत डिजाइन में तराश कर निर्माण स्थल पर पहुंचा दिए गए हैं। राम मंदिर के दरवाजे व खिड़की महाराष्ट्र के चंद्रपुर की टीक की लकड़ी से बनेगी। मंदिर के भूतल में कुल 12 दरवाजे लगने हैं। जिनको तैयार करने का काम जल्द शुरू होगा।