Ramadan Umrah : आलमे इस्लाम में रमजान का महीना चल रहा है। सऊदी अरब के प्रिंस सलमान अपने देश की कट्टरपंथी छवि को दूर करने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं। कुछ दिन पहले ही सऊदी अरब सरकार ने रमजान में मस्जिदों में इफ्तार करने पर रोक लगाई थी। अब रमजान में उमराह को लेकर नये नियम लागू किये गये हैं। चूंकि रमजान में उमराह का ज्यादा सवाब होता है, यही सोच कर सऊदी में रहने वाले लोकल मुसलमान बार बार उमराह करने मक्का शरीफ पहुंच जाते हैं। इस वजह से भारी भीड़ जमा हो जाती है। इसी भीड़ को कम करने के लिए सऊदी अरब की सरकार ने Ramadan Umrah को लेकर नये नियम जारी किये हैं। नये नियमों के तहत अब मुस्लिम बंधु रमजान के महीने में बार बार उमराह नहीं कर सकेंगे। उमराह हज के अलावा मक्का मदीना की यात्रा को कहा जाता है।
बार बार उमराह करने पर रोक
नये नियमों के तहत अब भारतीय श्रद्धालु भी रमजान के महीने में बार बार उमरा नहीं कर पाएंगे। रमजान में दुनियाभर से मुसलमान उमराह करने के लिए सऊदी अरब जाते हैं। रमजान में उमराह का सवाब कई गुना बढ़ जाता है। इसी वजह से रमजान में उमरा करने वालों की संख्या काफी बढ़ जाती है। हज के विपरीत मुस्लिम तीर्थयात्री अपने सऊदी प्रवास में जितनी बार चाहें उमराह कर सकते हैं। ऐसे में लोग रमजान में बार-बार हरमैन शरीफ पहुंच जाते हैं। इससे मक्का शरीफ में भीड़ काफी ज्यादा बढ़ जाती है। बढ़ती भीड़ को काबू करने के लिए सऊदी सरकार ने नया नियम लागू करते हुए कहा है कि अब एक बंदा रमजान के महीने में एक बार ही उमराह कर सकता है।
सऊदी सरकार ने क्यों लिया यह निर्णय?
सऊदी अरब के हज और उमरा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि रमजान के उमराह के दौरान भारी हुजूम को कम करने के लिए यह पाबंदी लागू की गई है। ताकि जिन लोगों को रमजान में उमराह करने का मौका नहीं मिला है, उन्हें भी मौका मिल पाएं। मंत्रालय ने कहा कि रमजान में केवल एक बार ही उमराह के लिए परमिट जारी किया जाएगा। भारत के कई लोग सऊदी में काम करते हैं। ऐसे में उनकी संख्या उमराह करने वालों में सबसे ज्यादा होती है।
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अरब में मस्जिद में इफ्तार पर बैन
इससे पहले रमजान से पूर्व सऊदी अरब के किंग सलमान ने बड़ा फैसला लिया था। रमजान से पहले सऊदी अरब ने इफ्तार को लेकर नए नियम लागू किये थे। जिनके अनुसार सऊदी अरब की मस्जिदों के अंदर इफ्तार पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। सऊदी अरब में 10 मार्च को रमजान का चांद नजर आया था। ऐसे में आज वहां 14 रोजा हो जाएंगे। ईद का चांद सऊदी में 9 अप्रैल को नजर आ सकता है। वही भारत में रमजान 12 मार्च से शुरु हुआ है। ऐेसे में ईद का चांद 10 या 11 अप्रैल को नजर आ सकता है।
हज 2024 कब होगा?
साल के ग्यारह महीने में मुसलमान उमराह कर सकता है। हज केवल हज के महीने में एक निश्चित अवधि में होता है। तभी तो रमजान में उमराह करने के लिए मुसलमानों की भीड़ अरब में उमड़ती है। ईद के 70 दिन बाद बकराईद के मौके पर हज किया जाता है। इस बार हज का महीना जून में आएगा। ऐसे में हज यात्रा अप्रैल के आखिर और मई के महीने में शुरु हो जाएगी। उमराह के लिए भारत से हर साल लाखों लोग रमजान में जाते हैं। सऊदी अरब नये नियम लागू करके अपनी छवि को कट्टरपंथी से आधुनिक इस्लामिक देश की करना चाह रहा है।