रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए लगभग सभी तैयारियां हो चुकी है और इस बीच विदेशों से भी रामलला के लिए कुछ ऐसी चीजें आ रही है जिसको लेकर कई प्रकार की चर्चा हो रही है। मंदिर निर्माण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है और अयोध्या मंदिर के लिए रामलला की मूर्ति पसंद कर ली गई, लेकिन इसका ऐलान 17 तारीख को किया जाएगा। प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम लगभग 7 दिन पहले ही शुरू हो चुका है और 17 जनवरी को नगर भ्रमण का कार्यक्रम है।
बाबर की जन्मभूमि से आया जल
प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले अयोध्या में रामलला के लिए मुगल शासक बाबर की जन्मभूमि उज्बेकिस्तान से भी जल आया है। क्योंकि यह विवाद बाबरी मस्जिद से शुरू हुआ था और उसी की जगह अब राम मंदिर बनने जा रहा है, इस वजह से इसकी चर्चा ज्यादा हो रही है। अभिषेक के लिए भारत की नदिंयों के साथ पाकिस्तान, चीन, दुबई, नेपाल के साथ लगभग 150 से ज्यादा देशों से पवित्र जल मंगवाया गया है।
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पाकिस्तान से आया जल
राम मंदिर को लेकर सबसे ज्यादा विरोध करने वाले पाकिस्तान से भी जल आया है जिसका इस्तेमाल अभिषेक में किया जाएगा। जल संग्रह में सभी धर्मों के लोगों का सहयोग मिला है। सऊदी अरब, ईरान और कजाकिस्तान से भी जल मंगाया गया है। ऐसे देशों का भी नाम शामिल है जो राम के प्रति ज्यादा आस्था नहीं रखते है। पाकिस्तान में रहने वाले सिंधियों ने बेहद सावधानी रखते हुए पाकिस्तान से अयोध्या के लिए जल भेजने का काम किया है।
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22 जनवरी होगी प्राण प्रतिष्ठा
अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को 84 सेकंड के अति सूक्ष्म मुहूर्त में होगी। प्राण प्रतिष्ठा के लिए काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने ये मुहूर्त तय किया है। शुभ मुहूर्त 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक रहेगा।