8 March Women Day 2024 Avani Lekhara: हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता हैं। इस कड़ी में हम बात कर रहे हैं, राजस्थान की उन महिलाओं की, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में प्रदेश का मान बढ़ाया हैं। इस लिस्ट में जयपुर की रहने वाली अवनि लेखरा का भी नाम लेना जरुरी हैं। टोक्यो पैरालंपिक्स (Tokyo Paralympics 2020) में भारत की अवनि लेखरा ने गोल्ड मेडल जीत इतिहास रच दिया था। यह शूटिंग में भारत का पहला पैरालंपिक्स गोल्ड मेडल था। इस उपलब्धि के बाद अवनी रातों-रात स्टार बन गई। वह मीडिया की सुर्ख़ियों में थी। चलिए जानते है उनके संघर्ष की दास्तान –
अवनि लेखरा राजस्थान के जयपुर की मूल निवासी हैं। उनका जन्म 8 नवंबर 2001 को हुआ। साल 2012 में उनकी जिन्दगी में एक बड़ा मोड़ आया, जब महज 11 की उम्र में कार दुर्घटना में वह घायल हो गई थी। एक्सीडेंट में उनकी रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोटें आई। इस हादसे की गंभीरता को ऐसे भी समझ सकते हैं कि, इसके बाद अवनी हमेशा के लिए व्हीलचेयर पर आ गई। इस हादसे के बाबजूद अवनी ने खुद को मजबूत रखा और पढ़ाई को भी जारी रखा।
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2015 में शुरू किया शूटिंग करियर
इन सब के बीच अवनि लेखरा को अपने पिता का साथ मिला। उनके पिता ने अवनि से शूटिंग और तीरंदाजी दोनों में प्रयास करने की सलाह दी। अवनि बताती हैं कि, 2015 में उनके पिता उन्हें शूटिंग और तीरंदाजी दोनों में ले गए थे। इस दौरान उन्होंने दोनों में प्रयास किया, लेकिन खुद को राइफल से जुड़ा हुआ महसूस किया। यही वो समय था, जब वह शूटिंग से हमेशा के लिए जुड़ गई। अवनि बताती है कि, वह ओलंपियन अभिनव बिंद्रा को आदर्श मानती हैं।
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उधार की राइफल से साधा निशाना
अवनि ने 2015 में जयपुर के जगतपुरा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स से शूटिंग की ट्रेनिंग शुरू की। कुछ महीने बाद राजस्थान स्टेट चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया और गोल्ड जीता। इसके बाद उन्होंने अपने कोच से राइफल उधार ली और कुछ महीनों बाद नेशनल चैम्पियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल पर निशाना साधने में सफल रही।
2016 से 2020 के बीच अवनि ने नेशनल शूटिंग चैम्पियनशिप में 5 बार गोल्ड और यूएई में हुई पैरा शूटिंग वर्ल्ड कप में सिल्वर मेडल हासिल किया था।