जयपुर। Sheetal Devi के हाथ नहीं, फिर भी Arjuna Award पर निशाना साधा है। शीतल देवी ने ऐसा कुछ कर दिखाया है कि उन्हें भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा राष्ट्रपति भवन में अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। शीतल देवी जम्मू कश्मीर की एक छोटे गांव की रहने वाली है जिन्होंने बिना हाथों के देश के लिए पैरा एशियन गेम्स में मेडल जीतकर देश का गौरव बढ़ाया है। शीतल पैरों से तीर-धनुष चलाती है और उन्होंने 2023 पैरा एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता है। इसी उपलब्धि के लिए Sheetal Devi को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
पीएम मोदी कर चुके हैं सराहना
Sheetal Devi देवी के इस कारनामे की वजह उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनकी सराहना कर चुके हैं। लेकिन, जब अर्जुन पुरस्कार के लिए राष्ट्रपति भवन में उनका नाम लिया गया तो पूरा हॉल तालियां की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। हर कोई शीतल को अवॉर्ड से सम्मानित होते देख खुश हो रहा था। हर किसी को Sheetal Devi को देखकर सिर्फ यही लग रहा था कि दिव्यांग होने के बावजूद अगर मनोबल ऊंचा हो तो मंजिल हासिल की जा सकती है। शीतल देवी विश्व की नंबर- 1 पैरा तीरंदाज है उन्होंने पैरा एशियन गेम्स 2 गोल्ड और 1 सिल्वर मेडल जीता था। एशियन गेम्स में धूम मचाकर शीतल जब भारत आई तो पीएम मोदी ने उनकी तारीफ की थी।
Sheetal Devi को है फोकोमेलिया बीमारी
आपको बता दें कि शीतल देवी जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के लोई धार गांव की रहने वाली हैं। शीतल के पिता किसान हैं और उनकी मां घर संभालती हैं। बचपन से ही शीतल देवी को फोकोमेलिया बीमारी हो गई थी। यह ऐसी बीमारी है जिसमें पूरी तरह से बॉडी विकास नहीं हो पाता। इसी वजह से शीतल देवी का जीवन काफी चुनौतियोंपूर्ण रहा। हालांकि, दोनों हाथ नहीं होना या दिव्यांगता शीतल के अभिशाप नहीं बन सके और पैरों से तीर धनुष चलाकर अपना देश का पूरी दुनिया में परचम लहरा दिया।