नवरात्रि में तंत्र साधक दसमहाविद्याओं की साधना करते हैं।
नवरात्रि में तंत्र साधक दसमहाविद्याओं की साधना करते हैं।
दसमहाविद्याओं की उपासना से तंत्र शक्तियां प्राप्त होती हैं।
दसमहाविद्याओं की उपासना से तंत्र शक्तियां प्राप्त होती हैं।
दस महाविद्याओं में कुछ शक्तियां उग्र और कुछ सौम्य हैं।
दस महाविद्याओं में कुछ शक्तियां उग्र और कुछ सौम्य हैं।
इनके नाम क्रमशः काली, तारा, छिन्नमस्ता, षोड़शी, भुवनेश्वरी,
इनके नाम क्रमशः काली, तारा, छिन्नमस्ता, षोड़शी, भुवनेश्वरी,
एवं त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी व कमला हैं।
एवं त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी व कमला हैं।
तंत्र शास्त्रों में दस महाविद्याओं में तीन कुल बताए गए हैं।
तंत्र शास्त्रों में दस महाविद्याओं में तीन कुल बताए गए हैं।
शास्त्रों में इनके नाम कादि, हादि और कहादी बताए गए हैं।
शास्त्रों में इनके नाम कादि, हादि और कहादी बताए गए हैं।
मां काली से जुड़ी महाविद्याएं कादि कुल में आती हैं।
मां काली से जुड़ी महाविद्याएं कादि कुल में आती हैं।
मां त्रिपुरसुंदरी से जुड़ी महाविद्याएं हादि कुल में आती हैं।
मां त्रिपुरसुंदरी से जुड़ी महाविद्याएं हादि कुल में आती हैं।
शेष महाविद्याएं कहादि कुल से जुड़ी मानी गई हैं।
शेष महाविद्याएं कहादि कुल से जुड़ी मानी गई हैं।