जयपुर के आराध्य गोविंददेव जी का मंदिर पूरे भारत में प्रसिद्ध है।
कथाओं के अनुसार इस प्रतिमा को कृष्ण के पड़पौत्र वज्रनाभ ने बनाया था।
किंवदती है कि गोविंद देव जी की प्रतिमा 5000 वर्ष पुरानी है।
औरंगजेब के शासनकाल में यह प्रतिमा वृंदावन से जयपुर आई थी।
तत्कालीन आमेर नरेश मानसिंह प्रथम ने इनके लिए मंदिर बनवाया था।
कालांतर में जयपुर एक प्रमुख वैष्णव तीर्थस्थल बन गया।
गोविंद देवजी की वजह से जयपुर को दूसरा वृंदावन भी माना जाता है।
यहां पर आज भी शास्त्रीय पद्धति से भगवान कृष्ण की पूजा होती है।
गोविंद देवजी मंदिर में ही दुनिया का सबसे बड़ा पिलर रहित हॉल भी है।
गोविंद देवजी मंदिर की होली और जन्माष्टमी पूरे भारत में प्रसिद्ध है।