होलिका दहन से पहले आने वाले होलाष्टक 17 मार्च से आरंभ होंगे।

इन्हें अशुभ मान कर इस समय शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।

हाल ही 14 मार्च को खरमास भी स्टार्ट हो चुका है।

ऐसे में किसी भी तरह का शुभ या मांगलिक कार्य न करें।

विशेषकर विवाह, गृह प्रवेश, नए व्यापार का आरंभ आदि न करें।

होलाष्टक की अवधि कुल 8 दिनों का मानी जाती है।

फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से पूर्णिमा तक का समय होलाष्टक होता है।

होलाष्टक की अवधि में ही भक्त प्रहलाद को कष्ट दिए गए थे।

फाल्गुन शुक्ल अष्टमी को ही कामदेव भी भस्म हुआ था।

इन्हीं वजहों से इसे अशुभ मान कर मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं।