मंदिरों में भोग सर्टिफिकेट लेने का ये है आसान तरीका
तिरूपति मंदिर में चर्बी वाला प्रसाद मिलने से हड़कंप
मच गया।
अब मंदिरों में भोग की जांच होगी और उन्हें सर्टिफिकेट लेना
होगा।
राजस्थान में 54 मंदिरों ने भोग सर्टिफिकेट के लिए आवेदन किया है।
जस्थान में 14 धार्मिक स्थलों के पास भोग सर्टिफिकेट है।
मोती डूंगरी गणेश मंदिर ने सबसे पहले भोग सर्टिफिकेट लिय
ा।
भोग सर्टिफिकेट में प्रसाद की गणुवत्ता व शुद्धता जांची जा
ती है।
भोग सर्टिफिकेट भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण देता है।
FSSI के इट राइट इनिशिएटिव प्रोग्राम के तहत तुरंत भोग सर्टिफिके
ट ले सकते हैं।
भोग सर्टिफिकेट एकबार लेने के बाद 2 साल तक मान्य रहता है।