गणगौर पर्व राजस्थान सहित कई राज्यों का प्रमुख त्यौहार है।
यह पर्व चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है।
सुहागन महिलाएं ईसर (शिव) और गणगौर (मां पार्वती) की पूजा करती हैं।
मिट्टी के ईसर और गणगौर बना कर उनका श्रृंगार किया जाता है।
विवाहित महिलाएं गणगौर के गीत गाती हैं और उन्हें रिझाती हैं।
उनके लिए मिट्टी पर ज्वारे बो कर उनके बैठने का स्थान बनाती हैं।
पूरे 18 दिन तक अलग-अलग तरह से गणगौर की पूजा होती है।
गणगौर की पूजा से अखंड सुहाग और समृद्धि का वर मिलता है।
साथ ही मन में कोई मनोकामना होती है तो वह भी पूरी होती है।
कई जगहों पर छोटे बच्चों को भी ईसर गणगौर के रूप में सजाया जाता है।